प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं से नमो ऐप के जरिए सोमवार को बात की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने इस योजना के जरिए समाज में आए परिवर्तन की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि बीते चार में हमने 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे, जिसमें से 4 करोड़ कनेक्शन उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए.

इस योजना की कामयाबी को देखते हुए एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य को बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के करीब छह-सात दशक बाद भी सिर्फ 13 करोड़ परिवारों तक ही एलपीजी कनेक्शन पहुंचा था, जो काम आजादी के बाद 70 सालों में नहीं हुआ, वो हमने किया.

प्रधानमंत्री ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि जब मैं छोटा था, तो बड़े लोग ऐसी बातें भी करते थे कि गैस चूल्हा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे आग लग जाएगी. लेकिन जब मैं पूछता था कि आप लोगों के घर में आग क्यों नहीं लगेगी तो जवाब नहीं मिलता था. उन्होंने इस दौरान प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जो स्कूल गए होंगे, उन्होंने पढ़ी होगी. इसका किरदार हामिद मेले में मिठाई न खाकर अपनी दादी के लिए चिमटा लाता है, ताकि दादी के हाथ न जल जाएं. मुझे लगता है कि हामिद यह चिंता कर सकता है तो देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता.

उन्होंने यह भी कहा कि मेरा तो बचपन ही गरीबी में बीता है. मां खाना बनाती थी तो पूरे घर में धुआं भर जाता था, तब मां मिट्टी की छत पर बने छेदों को खोल देती थी, ताकि बच्चों को धुएं से मुक्ति मिले. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जल्द ही हम सभी परिवारों तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. जिन-जिन रसाई घरों में एलपीजी के चूल्हे जल रहे हैं. वहां लकड़ी, कंडे और केरोसिन से निजात मिल चुकी है. नारी शक्ति को धुएं से मुक्ति मिली है. उन्हें बीमारियों से मुक्ति मिली है.

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