वो कहते हैं न कि प्यार अगर सच्चा हो तो दुनिया की कोई सरहद मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही हुआ है हरियाणा के अंबाला के परविंदर और पाकिस्तान के सियालकोट की किरण के साथ. भारत और पाकिस्तान की सरहद पर चल रही तनातनी के बीच इन्होने अमन का पैगाम देते हुए जिंदगी-भर एक दूजे का साथ निभाने की कसम खाई है. 

दरअसल अंबाला के तेपाला गांव के रहने वाले परविंदर को पाकिस्तान में रहने वाली किरण से पहली ही नज़र में प्यार हो गया था. जब किरण पटियाला के समाना में अपने मामा के घर आई थी. जिसके बाद दोनों की सगाई कर दी गई. लेकिन ये दोनों भारत और पाकिस्तान के बीच बनते बिगड़ते रिश्तों से अछूते रहे. शनिवार को किरन और परविंदर ने पटियाला के खेल साहिब गुरुद्वारे में सिख रीति-रिवाज के साथ शादी कर ली. गुरुद्वारा प्रबंधन  की तरफ से इन्हें एक विवाह प्रमाण पत्र भी दिया गया.  शादी के बाद किरण ने कहा कि मैं यहां विवाह करके  खुश हूं. मेरा मानना है कि दोनों देशों के लड़के व लड़कियों को शादी करनी चाहिए. 

वहीं परविंदर ने कहा कि सरजीत को मैं लंबे समय से जानता हूं क्योंकि वह मेरी चाची की दूर की रिश्तेदार हैं. परविंदर ने बताया कि किरण का परिवार 1947 में विभाजन के दौरान सियालकोट चला गया था. वह पाकिस्तान के एक निजी स्कूल में पढ़ा रही हैं. किरण का परिवार 45 दिन के वीजा पर भारत आया है.परविंदर के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले के बाद वे  काफी परेशान हो गए थे. क्योंकि किरण और उनका परिवार समझौता एक्सप्रेस के रद्द किए जाने के कारण सियालकोट से भारत नहीं आ पाया था.  किरण के पिता सुरजीत सिंह चीमा और मां सुमेरा चीमा के रिश्तेदार पंजाब और हरियाणा में रहते हैं.

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