प्याज के बढ़ते दामों को लेकर देश में हाहाकार है. पिछले चार महीनों में प्याज के दाम 20 रुपए से 150 रुपए तक पहुंच गए हैं. पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में प्याज को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं. विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. पहले मंदी और अब महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है. हालत ये है कि लोगों ने प्याज खरीदना छोड़ दिया है. प्याज के दामों को लेकर आज कांग्रेस संसद भवन में प्रदर्शन करेगी.

सोनिया गांधी भी होंगी प्रदर्शन में शामिल

लोकसभा और राज्यसभा के कांग्रेस सासंद आज सुबह 10.30 बजे संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी प्रदर्शन में शामिल होंगी. कांग्रेस सदन में भी प्याज का मुद्दा उठा सकती है. दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 80-120 रुपये किलो मिल रहा है.

1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी

केंद्र सरकार ने जमाखोरी रोकने की कोशिश में तीन दिसंबर को खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा घटाकर क्रमशः 5 टन और 25 टन कर दी थी. हालांकि, आयातित प्याज पर यह स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी. मंत्रिमंडल ने घरेलू आपूर्ति में सुधार और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है. सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.

प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए- सीतारमण

वहीं, प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपायम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठा रही है. मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है

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