कल लखीमपुर खीरी जिले में घटी हुई घटना से चिंतित एवं व्यथित हूँ । यह तो अभी जाँच का विषय हैं कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों में से किसकी कितनी भूल थी किन्तु इस घटनाक्रम में से तीन सावधानियाँ बरतने की ज़रूरत हैं –
1) सभी राजनीतिक दल इसमें अपने हितों के बजाय किसानो के हितों का ध्यान रखे ।

2) किसान आंदोलन के सत्याग्रही आंदोलनकारी किसान, आजादी के समय पर चौरीचौरा काण्ड के घटना के बाद महात्मा गांधी जी ने जो किया उसे समझने एवं अनुसरण करने की कोशिश करे ।

3) उत्तरप्रदेश की सरकार इसे मात्र law and order की समस्या ना माने बल्कि इस मुद्दे की व्यापकता, गहराई और जटिलता को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करे ।

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