भोपाल। लो कर लो बात… का झंडा लहराते हुए शहरों से लेकर छोटे गांवों तक नजर आने वाले पीसीओ अब आउट डेटेड हो गए हैं। आज की आधुनिक जरूरत के लिहाज से बीएसएनएल ने अब लोगों को हाई स्पीड डेटा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पीडीओ सेवाएं शुरू की हैं। मप्र में इसकी शुरुआत सतना और जबलपुर जिले से कर दी है। इसको अब पूरे प्रदेश तक ले जाने की योजना बनाई जा रही है।

बीएसएनएल मुख्यालय नई दिल्ली के निदेशक अरविन्द वडनेरकर निदेशक (मानव संसाधन) ने बताया कि भारत सरकार की डिजिटल इंडिया की नीतियों के क्रियान्वयन के तहत, और अभी हाल में आरंभ की गई प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सैस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी/WANI) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में हाई स्पीड डेटा की सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से बीएसएनएल ने प्रथम चरण में मध्यप्रदेश के सतना एवं जबलपुर दूरसंचार जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में यह सेवाऍ आरंभ की है। शीघ्र ही यह सेवाएँ पूरे मध्यप्रदेश में उपलब्ध हो सकेंगी। प्रधानमंत्री वाणी योजना के तहत बीएसएनएल फ्रेंचाईजी के द्वारा पीडीओ खोला जा रहा है, जहां पर इच्छुक उपभोक्ता, वाई-फाई हॉट स्पॉट के माध्यम से अपने मोबाइल अथवा लैपटॉप के द्वारा हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री वाणी योजना के अंतर्गत कोई भी इच्छुक व्यक्ति इन पीडीओ को ग्रामीण क्षेत्रों के भीड वाले स्थानों जैसे:- चाय, किराने की दुकान, नुक्कड अथवा चौराहे पर खोल सकता है । इसके लिए इच्छुक व्यक्ति बीएसएनएल के स्थानीय कार्यालयों से सम्पर्क कर सकते हैं। मुख्य महाप्रबंधक सत्यानंद राजहंस ने बताया कि बीएसएनएल के निजीकरण को लेकर जो चर्चाएं प्रचलन में हैं, वह पूरी तरह निराधार हैं। बीएसएनएल सिर्फ अपनी अनुपयोगी जमीनों का विक्रय कर रही है। इसको बेचने का मकसद भी मिलने वाली राशि से सेवाओं में इजाफा करना है। जमीनों की ये बिक्री पूरी तरह पारदर्शिता के साथ निविदाओं के जरिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कटौती की वजह भी इनका अतिरिक्त होना है। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल की आमदनी का करीब 85 प्रतिशत हिस्सा वेतन पर खर्च हो रहा था। जिसके बाद वीआरएस पद्धति पर कर्मचारियों की छंटनी की गई है। ऐसे कर्मचारियों को उनके पेंशन आदि के पूरे लाभ दिए गए हैं।

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