भोपाल। रंग श्री लिटिल बैले ट्रुप सभागार मे सूफी संगीत का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सप्तक फाइन आर्ट्स सोसायटी के संगीत विद्यार्थियों द्वारा सूफी संगीत की बेहतरीन प्रस्तुतियां दी गई। एवं “बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त साहेबा अवॉर्ड्” का आयोजन भी किया गया। जिसमें समाज सेवा, कला एवं साहित्य से जुड़ी हुई हस्तियों को सम्मानित भी किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक संजर (पूर्व संसद) थे।

बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त सम्मान से नवाज़ा गया

डॉ. महताब आलम
(सीनियर जर्नलिस्ट न्यूज़18 उर्दू) को उर्दू साहित्य सेवा क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

बिट्टू शर्मा
(सी.एस.पी. कोतवाली संभाग) एवं
मोहन सिंह कालरा (खालसा हॉयर सेकेंडरी स्कूल) को समाज सेवा के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया!

डॉ. नुसरत मेहदी
(उर्दू अकादमी) एवं श्रीमती डॉ.आयशा अली
(रजिस्ट्रार होम्योपैथिक म. प्र.) को समाज सेवा के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया

सरफराज खान (रंगकर्मी) को कला के क्षेत्र में दिए गए योगदान से सम्मानित किया गया!

गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई…..!

सैयद शुजाअत हुसैन द्वारा सूफी कलाम “इस शान–ए–करम का क्या कहना” एवं “देर ना हो जाए” गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई!

जुबेर आलम द्वारा”ये जो हल्का हल्का सुरूर है” और “काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो” गीत की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई!

शेफाली हरवानी चेलानी द्वारा “आज दिन चड़िया” और “तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी” की बेहतरीन प्रस्तुति दी!

बेबी अलेशा परमार द्वारा “लब पे आती है दुआ” सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया

उर्वशी कंडारे द्वारा सूफी गीत “हीरे मोती मैं ना चाहूं” एवं “तेरी काली अंखियों से” की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई

राज शर्मा द्वारा “म्हारे हिवड़ा में” और “सानू एक पल चैन ना आवे” गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

मजहर खान द्वारा “बोल कफारा क्या होगा” एवं “तू माने या ना माने दिलदारा” गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया!

दानिश अहमद खान द्वारा “मैं लज पाला” एवं “अज होना दीदार माही”गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी

रेहान अंसारी द्वारा “अल्लाह हू अल्लाह हू” एवं “छाप तिलक सब छीनी” गाकर दर्शकों का मनोरंजन किया

रितु जैन द्वारा “इतनी शक्ति हमें देना दाता”भक्ति पूर्ण रचना कि शानदार प्रस्तुति दी।

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