04-Feb-Jharkhand_desk_ph_3केंद्र सरकार झारखंड की नदियों को जोड़ने और उन्हें प्रदूषण मुक्त करने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाएगी. पिछले दिनों केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने यह घोषणा करते हुए कहा कि झारखंड को गंगा के लिए मॉडल स्टेट बनाया जाएगा. यहां गंगा मोक्ष के साथ-साथ लोगों को रोटी भी देगी. गंगा को प्रदूषण मुक्त करके उसके किनारे बसे गांवों में ऑर्गेनिक खेती और मछली उत्पादन को को बढ़ावा दिया जाएगा. राज्य में चल रही स्वर्ण रेखा परियोजना निश्‍चित तौर पर पूरी की जाएगी. इस संदर्भ में जो भी कठिनाइयां पेश आ रही हैं, उन्हें बहुत जल्द दूर किया जाएगा.

उमा भारती ने कहा कि गंगा मंथन कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों एवं सुझावों को गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना में शामिल किया जा रहा है. झारखंड में दामोदर नदी पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है. गंगा के साथ-साथ दामोदर को भी प्रदूषण मुक्त करना बहुत ज़रूरी है. दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहयोग के लिए उसके किनारे स्थित उद्योगों और कोल इंडिया के अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है. उमा भारती ने कहा कि नदियों में गाद की समस्या है, जिसके निराकरण के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव और बिहार, झारखंड एवं पश्‍चिम बंगाल के मुख्य सचिवों की एक समिति गठित की जाएगी, जो इस समस्या का अध्ययन करके अपने सुझाव देगी. उन्होंने कहा कि भूमिगत जल में आर्सेनिक की समस्या है, जिसके ट्रीटमेंट के लिए भी योजना बनायी जाएगी, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके. उमा भारती ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को हरसंभव सहयोग के लिए तैयार है. राज्य की उक्त तमाम समस्याओं के निदान के लिए पैसों की कमी आड़े नहीं आएगी. केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से झारखंड का विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यद्यपि झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है, फिर भी यहां के 22 ज़िले नक्सल प्रभावित हैं. इस लिहाज से झारखंड स्वत: विशेष राज्य की श्रेणी में आता है. उमा भारती ने मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें केंद्र सरकार के उच्चाधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में राज्य में चल रही स्वर्ण रेखा परियोजना, गंगा सफाई परियोजना एवं पेयजल समस्या समेत जल संसाधन के विभिन्न पहलुओं की गहन समीक्षा की गई.
उल्लेखनीय है कि गंगा नदी झारखंड में साहेबगंज एवं राजमहल ज़िले से गुजरती है. उक्त ज़िलों की पेयजल आपूर्ति, सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि बिंदुओं पर भी चर्चा हुई और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम के लिए सुरक्षित प्रक्रिया अपनाए जाने पर विचार किया गया. गंगा नदी में इनका प्रवाह और प्रदूषण रोकने के लिए मूलभूत उपाय किए जाने के निर्देश दिए गए. सॉलिड वेस्ट का इस्तेमाल कृषि कार्य में खाद के रूप में किए जाने पर जोर दिया गया और सबसे कठिन लिक्विड वेस्ट का निदान नए तरीके से किए जाने की ज़रूरत पर बल दिया गया. दामोदर नदी के प्रदूषण के कारणों, ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय एवं पेयजल की वर्तमान स्थिति, प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, पूजन सामग्री के विसर्जन, साहेबगंज में चल रही मेगा रूरल पाइप वाटर सप्लाई स्कीम आदि पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.

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