नई दिल्ली : ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर जानवरों की दी जाने वाली कुर्बानी (पशु बलिदान) के विरोध में खुद मुस्लिम समाज खड़ा हो गया है. जी हां, मंगलवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सदस्यों ने बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी का कड़ा विरोध जाहिर किया है. कई जानेमाने मुस्लिम संगठनों व नेताओं ने इस्लाम के अनुयायियों से आग्रह किया है कि सड़कों पर जानवरों की कुर्बानी ना दें, सड़को और अपने इलाके को स्वच्छ बनाए रखने.

कई मुस्लिम संगठनों ने बयान में कहा, इस बार एक खास तौर के हालात की वजह से आपको कुर्बानी के लिए जानवर की खरीद में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. सिर्फ कठिन परिस्थितियों की वजह से आपको को इस विशेष जिम्मेदारी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.

इतना ही नही एक बयान में कहा है कि अपने कार्यों व अपने व्यवहार से खास तौर से दूसरे धर्म में आस्था रखने वाले अपने पड़ोसियों को शिकायत करने का मौका नहीं दें.

वही संयोजक सैयद हसन कौसर ने गाय की कुर्बानी को हराम बताते हुए कहा, ‘तीन तलाक’ की तरह ही बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी एक कुरीति है. हम सब 21वीं सदी में हैं. इसलिए समाज को बुरी कुरीतियों से निकालना होगा.

बकरीद पर कुर्बानी के खिलाफ खड़ा हुआ मुस्लिम समाज

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