आपने सुना!

क्या?!!

वो सामने वाले शर्मा जी एक महिने से खूब सेवा के काम कर रहे हैं।

हाँ, पता है।

आप अखबार में ही घुसे पड़े रहो! पता है उनके कुछ दोस्त भी उनके साथ इस काम में हाथ बटा रहे हैं। आप भी क्यूँ नहीं जाते?

हाँ करते हैँ, अभी थोड़ा बिजी हूं, अच्छा सुझाव है तुम्हारा।

शर्मा जी आपको बहुत मानते हैं। आपको साहब करके पुकारते हैं साहब – वर्मा साहब। बड़ा रौब है आपका मोहल्ले में।

अरे! ये क्या शर्मा शर्मा लगा रखा है? उसके पास टाइम है इसलिए कर रहा है।
यहां काम से फुर्सत नहीं है।

हाँ! जब से बैंगलोर से आए हो यहि देख रहे हैं- या तो computer में घुसे रहते हो या फिर अखबार में। और कुछ नहीं तो रात रात भर न्यूज चैनल लगा कर सबकी नींद खराब करते हो। सुनो !नाश्ता लगा दिया है, आओ कर लो।

ठीक है आते है।

कैसा है आलू पराठा, आज Sunday है इसलिए, बहुत पसंद है न आपको।

कितना ध्यान रखती हो मेरा। मुझे तो आज कल Sunday-Monday का पता

ही नहीं चलता।

आपका फोन बज रहा था! बैंगलोर से John का है। आप नाश्ता करके फिर लगा लेना। मैंने कह दिया है।

Hi!! John, how are you? Howz everything?

Hi buddy!! What’s Up? यार तेरे जाने के बाद office का सारा load मुझ पर आ गया है। Even Boss was remembering you. बोलता है, जब वर्मा था तो पता हो नहीं चलता था project presentation कैसे बन जाते थे और कब project finish हो जाता था. But क्या करें. It was company HQ decision. मेरा चलता तो कभी वर्मा को left नहीं करना पड़ता था। We all miss you वर्मा!!

Hmmm!! It’s my bad luck. Trouble shooter से Spike buster बन गया. Haha! बिजली गिरी और मेरा ही fuse उड़ गया.

So वर्मा, क्या चल रहा है 11 महीने से?भाभी और baby सब कैसे है?

बस man all well till now!, बस savings खर्च कर रहा हूं! अभी तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा। last month अपनी FD break करनी पड़ी। घर का प्रॉपर्टी टैक्स due हो गया था और बैंगलोर वाले घर का EMI, भी 6 month’ से due हो रही थी। These Bank buggers!! Made my life hell. Morning, 8 बजे से call करना शुरू कर देते हैं। You tell! How is बैंगलोर?

क्या बताऊँ!,तेरी चली गयी। हमारी कट गयी। जैसे ही तू गया। सबकी सैलरी भी आधी हो गयी। कंपनी बस चल रहीं हैं। पुराने projects ही खीच रहे है। तेरे table पर कभी कभी बॉस खुद भी बैठकर काम करते हैं। छोटू उस्ताद की छुट्टी हो गयी। आज कल madam का ड्राइवर की सहाब को ड्रॉप करता है office। Interesting बात, बॉस भी lunch लाने लगे हैं। Now a days, I have

privilege of having lunch with The Boss. But वो पहले जैसा चहल पहल नहीं है। No music, No games.. Only work. वो तेरी favorite भी दो महीने बाद छोड़ गयी. अब अपनी HR ही मार्केटिंग भी देख रहीं है।

अरे कितनी लंबी बात कर रहे हैं। आपके ऑफिस के तो है। फिर कर लेना। खाने का वक्त हो गया। मेरा तो झाड़ू पोछा कपड़े सब हो गया, आपकी बात ही खत्म नहीं हो रहीं। मट्ठा बना दूँ?

हाँ ले आओ!! अरे यार my wife is very nice। मेरा राजा जैसे देख भाल करती है। पता नहीं उसको कैसा लगेगा जब उसको पता चलेगा कि मैं अब उसका राजा बेरोजगार है और अब वापस बैंगलोर नहीं जाएगा।

Don’t worry वर्मा! यार every where यही scene है। हम लोग भी दिन गिन रहे हैं। लॉक डाउन कब खत्म होगा ये तो पता नहीं। अपना caliber और career जरूर खराब हो जाएगा। कोई new enquiry नहीं। reception वाली Nancy भी full day अपने मोबाइल में games खेलती है। उसका number भी आता ही होगा। but उसका husband सरकारी ड्राइवर है, उसको अपने वाला tension नहीं है।

Okay!,John। take care। शादी की planning कर ले बेटा। अच्छा time कटेगा लॉकडाउन में। haha ha!!

Bro! आप लोगों को देख कर हिम्मत ही नहीं होती। अपन तो dream से ही काम चला लेगा। Ha ha ha!! Ok bye CU

मम्मी!,पापा को बुला लो। बहुत देर से बाल्कनी में खड़े हैँ।

अरे सुनो! आपकी परी बुला रही है।

बस 5 min I will join you.

Good morning! क्या रात भर सोये नहीं? 6 बजे से ही laptop ले कर बैठ
गए।

नहीं, जल्दी उठ गया। एक email send करना था urgent along with video call. वो US के timing के हिसाब से। तुम तो जानती हो।

हाँ!, पिछले 11 महीने में, मैं भी 15% तुम्हारा काम तो जान गयी हूं। पता है, रात भर के जगे हो, wait अभी कॉफी लाती हूँ आपके लिए।

अब इसे कौन समझाए, यहां काम नहीं किया जा रहा बल्कि काम ढूंढा जा रहा है। हर company 50% सैलरी slash की बात कर रहीं है। 50% from last CTC कैसे चलेगा? किराना, बच्चे की फीस, पिताजी की दवाई, घर का installment, बैंगलोर में खड़ी हुयी गाड़ी का किस्त, इधर पापा के घर का maintenance… उफ्फ! दो दो बिजली का बिल, phone का बिल, internet package, housing society maintenance, …कैसे होगा 50% मे. They don’t just understand। उनको तो काम से मतलब है भले ही यहां अपनी जान निकल जाए।

सोचते सोचते गोदी में laptop रखे ही वर्मा जी bed पर लुढ़क गए. नींद लग गयी.

अरे!! कॉफी लायी हूं. Sorry. Late हो गयी. नीचे वो शर्मा जी की बीवी आयी थी, वो सेवा society की चंदा लेने. मैंने कहा तुम तो पच्चीस हज़ार की रसीद काटो। अभी वर्मा जी से ले कर देती हू। ये लो रसीद। और जल्दी से एक चेक बना दो। मैंने कह दिया, तू बाकी society वालों से ले कर वापसी में आ जाना, तब तक मैं चेक बनवा के रख लूँगी। ठीक है! मुझे आवाज दे देना। आकर ले लूँगी। वापसी में किराने की लिस्ट भी ला रहीं हूं। आज ले आना। आपकी लाडली की demands भी बढ़ती जा रहीं हैं। सो लिस्ट लम्बी होगी। ha ha ha।

वर्मा जी! कॉफी का कप एक हाथ मे और दूसरे में रसीद पकड़े मूर्ति बने बैठे रह गए। उनकी बीवी इतना सब एक साँस में कह कर चली भी गयी।

(लंबी साँस लेकर) पच्चीस हजार। पच्चीस हजार ऐसे बोल गयी जैसे 500 का नोट हो। अब इनको पता भी नहीं situation क्या है। उसके लिए तो हम मोहल्ले के वर्मा साहब है वर्मा सहाब।

कैसे बताऊँ? की क्या हुआ है। इस मौके पर बोलना उचित नहीं होगा। society के सामने matter उछल जाएगा। ठीक नहीं है। चेक ही बना देता हूं। I will manage.

शाम को फोन आया, हैलो वर्मा सहाब। मैं तुम्हारा पड़ोसी शर्मा बोल रहा हूं। बहुत बहुत धन्यावाद आपने 25 हजार का contribution किया। पूरे सोसाइटी में सबसे highest. Proud of you वर्मा जी। Really proud of you।

अरे! It’s okay। वैसे क्या प्लान है आप लोगों का। क्या करने का इरादा है इन पैसों से?

वर्मा जी!,बहुत ही unique idea है। क्या है, इस कोरोना काल में, बहुत से माध्यम वर्गी लोगों की नौकरियां चली गयी। अमीरों के तो अपने इंतजाम है और गरीबों के तो कयी मसीहा है। लेकिन इन मध्यम वर्ग के नए-बेरोजगार लोगों का न कोई इंतजाम और न कोई मसीहा। तो हमने सोचा क्यूँ नहीं अपन ऐसे लोगों की मदद करे। अब क्यूंकि इन लोगों में स्वाभिमान भी रहता है तो इनकी direct मदद करना बहुत मुश्किल है।

बहुत ही noval idea है शर्मा जी। ईश्वर आपकी खूब मदद करे।

जी धन्यावाद! तो हमने क्या किया हैं अपने दोस्त किराने वाले से बात कर ली। की हम तुझे समान की लिस्ट देंगे, तू उसको package बना कर, जिस पते पर हम बोले वहां सामान deliver कर देना। तेरी payment मैं करूंगा ऑनलाइन। और अपना भाई तय्यार हो गया इस idea के लिए।

अब हमे ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार करनी हैं। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा
दुकानदार से। दुकानदार के लिए ये एक society का prepaid online home delivery scheme है।

शर्मा जी!! वाह क्या दिमाग हैं आपका। अप्रतिम। सांप भी मर जाये लाठि भी न टूटे। वाह!!

वर्मा जी, आप ही society के सबसे बड़े डोनर हो। आप ही शुरुआत करें।
आप एक बात, बताये क्या आप किसी जरूरत मन्द मध्यम वर्ग के इंसान को जानते हैं?

वर्मा मन ही मन बोला। शुरुआत तो मुझसे ही होनी थी.
लिस्ट मे नाम तो मेरा होना चाहिये सबसे पहले….

और मन ही मन सोचता रहा, काश मैं भी अपना number दे पाता, home delivery scheme में ।

काश पहला नाम: मुकेश वर्मा, बैंगलोर वाले होता!!!!!!
काश मैं यह कह पाता।
काश मैं यह कह पाता।

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