लखीमपुर खीरी मामले में किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर आज ‘रेल रोको’ आंदोलन कर रहा है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘जब तक लखीमपुर खीरी मामले में न्याय नहीं मिल जाता प्रदर्शन और तेज होगा।’’

किसान संगठन ने कहा कि ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के दौरान सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 4 बजे तक सभी मार्गों पर 6 घंटे के लिए रेल यातायात को रोका जाएगा।

कई ट्रेनें निरस्त, संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगाई
किसान आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। लखनऊ जंक्शन मैलानी ट्रेन सोमवार को सीतापुर में ही टर्मिनेट कर दी जाएगी तथा मैलानी लखनऊ जंक्शन ट्रेन सीतापुर से ही चलाई जाएगी। सीतापुर मैलानी के बीच ट्रेन निरस्त रहेगी। ऐसे ही (05361-62) बहराइच मैलानी तथा (05357-58) बहराइच नानपारा ट्रेन को निरस्त कर दिया गया है। वहीं, आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान नेताओं ने पूरी ताकत लगा दी है। मोर्चे का फोकस इस बार पूर्वी यूपी पर ज्यादा है, क्योंकि यहां 27 सितंबर को भारत बंद का असर काफी कम देखा गया था।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा के बाद किसानों ने पूरे प्रदेश में विरोध दर्ज कराया था। अब संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन हो रहा है। मोर्च की रणनीति है कि इस आंदोलन का पूरे प्रदेश में असर दिखे। लखीमपुर कांड के बाद किसानों का आक्रोश इस बार प्रदेश में पूर्वी हिस्सों में भी दिखा है। मोर्चा चाहता है कि यह आक्रोश किसानों में बना रहे। इसके लिए कई बार बैठकें कर आंदोलन की तैयारियां की गईं हैं।

रेल रोको अभियान से पहले किसान किए नजरबंद
लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में आगरा में किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह, सौरभ चौधरी, सत्यवीर चौधरी और धर्मवीर चौधरी को नगला हवेली स्थित उनके आवास पर देर रात जीआरपी के जवानों ने नजरबंद कर लिया। उन्होंने सोमवार को राजामंडी स्टेशन पर रेल रोकने का एलान किया था। किसान नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार में आम लोगों की आवाज भी दबाई जा रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को हटाने तक आंदोलन जारी रहेगा।

ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा: टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर कहा कि ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा। पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है। भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है:

लखनऊ में धारा 144 लागू
किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेने वालों लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। लखनऊ पुलिस ने ज़िले में सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है, अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करता है तो उस पर एनएसए लगाया जाएगा।

 

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