देश भर में एक अधिकारी की खूब चर्चा हो रही है, चर्चा इस लिए की उस आईएएस अधिकारी ने इतनी हिम्मत दिखाई की उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की ही तलाशी ले ली। लेकिन उसे अपने कर्त्तव्य के बदले सज़ा सुनाया गया है। चुनाव आयोग ने तलाशी लेने वाले उस आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को सस्पेंड कर दिया है।

IAS अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को ओडिशा के संबलपुर में जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया था। बताया जा रहा है कि मोहम्मद मोहसिन ने पीएम के काफिले के एक वाहन की तलाशी की कोशिश की थी।

कर्नाटक बैच के आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन के इस कोशिस से बीजेपी और पीएमओ नाराज़ था और संबलपुर में जनरल इस बात को लेकर पीएमओ ने चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी।

जांच में सामने आया कि, IAS अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा के बावजूद तलाशी लेने की कोशिस, चुनाव आयोग ने निर्देशों के उल्लंघन है। जिसके बाद आईएएस मोहम्मद मोहसिन को सस्पेंड कर दिया। कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अलग अधिकारी ने कार्रवाई की थी। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है।

कौन हैं आईएएस मोहम्मद मोहसिन?

पीएम के काफिले की तलाशी लेने वाले मोहम्मद मोहसिन बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं और कर्नाटक सरकार में सचिव (सोशल वेलफेयर विभाग) हैं। वे कर्नाटक कैडर से आईएएस बने हैं। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से एम कॉम की पढ़ाई की है और साल 1994 में वो यूपीएससी सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करने दिल्ली आए थे।मोहसिन साल 1966 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर हैं।

पहले अटेंप्ट में वो सिविल सर्विसेज प्री परीक्षा में सफल नहीं हो पाए और उसके बाद उन्होंने वापस तैयारी की। उसके बाद वो इस परीक्षा में सफल हुए, हालांकि उनके नंबर कम रह गए और वो आईएएस नहीं बन सके।

साल 1969 में जन्मे मोहम्मद मोहसिन ने फिर तैयारी की और 1996 बैच से आईएएस अधिकारी बने। उन्होंने उर्दू स्टडीज के साथ अपनी पढ़ाई की थी। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वो कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग और अन्य विभागों में अधिकारी रह चुके हैं। वो कर्नाटक में कई प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

वे शुरुआत में एसडीएम पद पर रहे और उसके बाद जिला पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में डेप्यूटी कमिश्नर आदि पदों पर कार्य कर चुके हैं।

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