पिनराई विजयन की सरकार ने सबरीमाला मंदिर का शांतिपुर्वक हल तलाशने के लिए सर्वदलिय बैठक बुलाई थी, लेकिन ये क्या हुआ, कुछ समझ नहीं आया. कांग्रेस और बीजेपी तो बैठक को बीच में ही छोड़कर चली गई.

बता दें कि 16 नवंबर से मंदिर के कपाट फिर से खुलने जा रहे हैं. इसके साथ ही ‘मंडल मकवराविलाकु’ त्यौहार का आगज भी 17 नवबंर से होने जा रहा है, जिससे इस बात के कयास लगाए जा रहे है कि महिलाएं भी इस त्यौहार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेगीं, जिसके चलते अभी तक 500 से अधिक महिलाओँ ने पुलिस की बेवसाइट में जाकर अपना पंजीकरण करवाया है.

इसी को ध्यान में रखते हुए पिनराई विजयन सराकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी कि महिलाएं मंदिर में प्रवेश करेगी. इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी तो बैठक बीच में ही छोड़कर चली गई.

बता दें कि बैठक के दौरान पिनराई सरकार ने बीजेपी सरकार पर सबरीमाला मंदिर को लेकर जुबानी हमला भी किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले से सबरीमाला मंदिर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.

मालूम हो कि बीते दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने मंदिर के पक्ष में अपने विचार रखते कहा था कि हमें चहिए कि मंदिर की पंरपरा का पालन करें.

इससे पहले केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी इशारो-इशारो में मंदिर की परंपरा का अनुपालन करने की हिदायत दी थी. उन्होंने कहा था कि क्या आप खून से सने हुए पैड़ पहनकर अपने दोस्त के घर जाना पंसद करेंगे.

हालांकि, बाद में उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा था कि मैं न्यायापालिका के निर्दशों का खंडन नहीं कर रही हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं होती भी कौन हूं न्यायापालिका के आदेशों को न मानने वाली.

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