आज दिनांक 17 दिसम्बर,2021 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर अमर शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी के 94वें शहादत दिवस पर स्मृति सभा का आयोजन किया गया।
वक्ता के रूप में पुरा छात्र विजय नारायण जी ने कहा कि स्थापना राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं राष्ट्र निर्माण की कड़ी में हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र विभिन्न आंदोलनों में शामिल रहे और इसी कारण विश्वविद्यालय स्वतंत्रता आंदोलन में राजनीतिक गतिविधि का केंद्र बना रहा। राजेंद्र नाथ लाहिड़ी इसी विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र थे जो काकोरी कांड में शामिल रहे और परास्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्हें 17 दिसम्बर 1927 ई. को अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गयी। आज़ादी के इस नायक ने हँसते-हँसते कुर्बानी दी। अफसोस कि बात यह है कि इस क्रांतिकारी छात्र को विश्वविद्यालय प्रशासन भूल गया है। लेकिन पिछले दो वर्षों से छात्रों के प्रयास से इनकी स्मृति में सभा आयोजित की जा रही है।
विश्वविद्यालय में राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी के नाम पर एक स्वतंत्रता अध्ययन पीठ की स्थापना की जाए इससे न केवल शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को सम्मान देना होगा वरन इससे काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गरिमा भी बढ़ेगी।


प्रो. सुरेंद्र ने कहा कि BHU से लगातार समय समय पर क्रांतिकारी व राजनीतिज्ञ निकलते रहे हैं जिन्होंने न सिर्फ भारत की आज़ादी व राजनीति में बल्कि नेपाल व अन्य देशों की राजनीति में भाग लिया है।
डॉ. प्रतिमा गौड़ ने कहा कि राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी आज़ादी के लड़ाई के मजबूत हस्ताक्षर हैं। आज़ादी की लड़ाई में मूर्त बाधाएं व दुश्मन थे लेकिन आज के समय में अपनी गुलामी और दुश्मन को पहचानना कठिन है। इसको पहचानने में लाहिड़ी से चली आ रही क्रांतिकारी परंपरा मदद करती है।
प्रो.मल्लिकार्जुन जोशी ने वक्ता के तौर पर कहा कि शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी जैसे क्रांतिकारियों में सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक चेतना थी। यह क्रांतिकारी समुद्र में डूबे बर्फ के चट्टान की तरह थे जो दिखते कम थे लेकिन इनके सोच-विचार का आधार बहुत विस्तृत और सम्पन्न था।
छात्रों की तरफ से शाश्वत और दिवाकर ने बात रखी।
सभा में संयुक्त रूप से निन्म प्रस्ताव पारित किया गया।
1-अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी के स्मृति में एक अध्ययन पीठ की स्थापना की जाए जिसमें स्वतंत्रता संग्राम से सम्बंधित शोध-कार्य व इतिहास लेखन को बढ़ावा दिया जाए।
2-किसी नवनिर्मित छात्रावास , भवन अथवा मुख्य मार्ग का नाम राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी के नाम पर रखा जाए।

सभा की अध्यक्षता प्रो. MK सिंह से किया। स्वागत भाषण डॉ. विकास सिंह ने तथा सभा का संचालन विक्रांत ने किया।
उपरोक्त मांगों के साथ कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम स्थगित किया।
सभा में मुख्य रूप से दिवाकर,धनंजय, राणा रोहित, अमरेंद्र शांतनु, अभिनव,नीरज,प्रतीक ,अर्जुन आदि लोग मौजूद थे।

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