bees-020हम सभी जानते हैं कि मधुमक्खियों को सूंघने की क्षमता अधिक होती है. वे एक साथ कई प्रकार की गंध को सूंघ सकती हैं. मधुमक्खियों के इसी संवेदनशीलता का इस्तेमाल कर वैज्ञानिकों ने मनुष्य में होने वाले कैंसर, टीबी और डायबिटीज का पता लगाने में किया है. पुर्तगाल के डिजाइनर सुसैन सोरेस ने एक ऐसे उपकरण की खोज की है, जो प्रशिक्षित मधुमक्खियों के इस्तेमाल से इन बीमारियों का पता लगा सकती है. मधुमक्खियां वायुवाहित अणुकणिकाओं का पता लगा सकती हैं और प्रशिक्षण के जरिये ये फेफड़ों, त्वचा और अग्नाशय कैंसर के साथ ही टीबी जैसी बीमारियों के लक्षणों के बारे में बता सकती हैं. सोरेस ने बताया कि एक खास प्रक्रिया द्वारा मधुमक्खियों को प्रशिक्षित किया जाता है. उन्होंने कहा कि मधुमक्खियों को जिस गंध पर लक्षित करना चाहते हैं, पहले उसकी ओर आकर्षित होने से रोकें. फिर दो-चार बार पानी और शक्कर दें. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें. मधुमक्खियां खाने के साथ गंध से जुड़ जाएंगी. इसके बाद मधुमक्खियां दो ग्लास चैंबर में चली जाएंगी. जब आप एक ग्लास चैंबर में सांस लेंगे तो मधुमक्खियां आपसे जुड़ेंगी और सूंघकर आपकी जांच करेगी. इसके बाद अगर मीठे की भनक लगेगी तो उस ओर उड़ेंगी. ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि उन्हें किसी बीमारी के लक्षण का आभास हुआ होगा और इस तरह मधुमक्खियां किसी विशेष बीमारी का पता लगा पाती हैं.
 
कैमरा लेकर चिड़िया हो गई फुर्र
e1-becky-hitchcock-sea-eaglऑस्ट्रेलिया में एक  खबर के अनुसार चिड़िया कैमरा लेकर उड़ गई. उत्तर-पश्‍चिम ऑस्ट्रेलिया में घड़ियालों की गतिविधियों की रिकॉर्डिंग के लिए नदी के किनारे पर एक कैमरा लगाया गया था, जिसे एक चिड़िया लेकर फुर्र हो गई. कैमरा जहां लगाया गया था, वह वहां से 110 किलोमीटर दूर मिला और इस दौरान पूरे रास्ते की उसमें वीडियो रिकार्डिंग होती रही. किम्वर्ली क्षेत्र के वन्यजीव कर्मचारियों ने चिड़िया द्वारा बनाई गई वीडियो को जारी किया. इसमें कैमरा को लेकर उड़ने से पहले समुद्री बाज को पंख फहराते हुए देख सकते हैं. इसके बाद वह कैमरा लेकर उड़ जाता है. बाद में बाज ने कैमरे के लेंस को अपनी चोंच से चूमा भी है. वन्यजीव विभाग ने इस साल मई में मागरेट नदी के तट पर घड़ियालों की गतिविधियों की रिकॉर्डिंग के लिए कैमरा लगाया था. जब 10-15 सेंटीमीटर की लंबाई और पांच सेंटीमीटर की चौड़ाई वाला यह कैमरा गायब हो गया तो उन्होंने सोचा कि कैमरा नदी में गिर गया होगा, लेकिन हाल ही में वहां से 110 किलोमीटर दूर मेरी नदी के तट पर कैमरा मिला तो पूरी सच्चाई सामने आई.
 
कान में खिला फूल
foolअभी तक लोगों ने रेगिस्तान से पानी का फव्वारा निकलने, पत्थर से मोम बनने की ऐसी कई सारी बातें सुनी होंगी. हालांकि इन बातों के पीछे क्या रहस्य है और ऐसा क्यों होता है, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन कुछ इसी तरह का असंभव वाक्या संभव होता देखा गया है. चीन में चौंकाने वाली एक खबर सामने आई है कि एक लड़की के कानों में फूल खिल गया है और डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की है. चीन में डैंडेलियोंस (भारत में कुकरौंधा) नाम से जाना जाता है. यह फूल कहीं भी खिल सकता है. अब तो यह साबित भी हो गया. बीजिंग में एक डॉक्टर ने एक लड़की के कान के छिद्र से इस फूल को निकाला है. रानरान नाम की ये बच्ची काफी समय से कान में कुछ अजीब होने की शिकायत कर रही थी. जब बच्ची को डॉक्टर गु किंगलोंग के पास लाया गया, तो परेशानी का पता चला. बच्ची के कान में ये फूल पूरी तरह से खिल चुका था. परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करके फूल को निकाल दिया है. संभव है कि इस फूल का बीज बच्ची के कान में गिर गया हो और विकसित फूल बन गया हो. हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले चीन में ही एक महिला के कान से छोटे कीटों का ढेर निकाला गया.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here