भारत के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारतमे सिर्फ लोकतंत्र ही नहीं है ! दुनिया के लोकतंत्र की माँ है !” यह स्वर अभी हवा में तैर रहे हैं ! और उसी समय राजधानी दिल्ली में ही ! नऐ संसद भवन के कुछ दूरी पर हमारे देश के मां- बाप की बेटियों के साथ जो व्यवहार किया गया ! वह “भारतीय लोकतंत्र विश्व लोकतंत्र की माँ कहने वाले” प्रधानमंत्री के बड़बोलेपन के सिवा कुछ भी नहीं था !

क्योकि 28 मई को दिल्ली पुलिस ने महिला खिलाड़ियों के साथ जो बदसलूकी की उसका संज्ञान आंतराष्ट्रीय ऑलंपिक संघ ने खुद होकर लिया है और विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ विश्व कुश्ती प्रतियोगिता से बाहर निकालने की धमकी दी है ! क्या हमारे प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व लोकतंत्र की माँ के संबोधन से यह बात कही मेल खाती नजर आती है ? डूब मरना चाहिए ऐसे राजनेताओं को जिन्हें अपने राजनीतिक फायदे के लिए और सबसे संगिन बात अपनी हवस का शिकार करने के लिए जिन लड़कियों को मां – बाप भरोसे के साथ अपनी औलाद को देश-विदेश के खेल या विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए भेजते हैं ! और वह वासना के शिकार किए जाते हैं ! और पार्टी वुईथ डिफरेंस कहने वाले और बारह महीनों चौबीसों घण्टे लव जेहाद और हमारे देश की हजारों की संख्या में लड़कियों के गायब होने की राजनीति करती है ! और केरला स्टोरीज नाम से अतिशयोक्ति की भरमार करके सिनेमा को प्रमोशन करने वाले लोगों को कोई नैतिक अधिकार नहीं है ! खुद के लोग शामिल हुए घटनाओं का सबसे ताजा उदाहरण हमारे देश की महिला खिलाड़ियों के साथ जोर-जबरदस्ती वह भी लोकतंत्र का बखान करते हुए !


विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाली बच्चियों के साथ ! ऐसे जधन्य कांडों को करने वाले लोगों को संरक्षण देकर ! पिडीत लडकियों को 28 मई विनायक दामोदर सावरकर के 140 वे जन्मदिन ! हालांकि विनायक दामोदर सावरकर ने खुद “शत्रुओं की महिला भले ही वह बुढी या बच्ची हो ! समग्र बलात्कार करने के लिए भाषण दिया है ! और छत्रपति शिवाजी महाराज ने कल्याण के सुभेदार की बहु को ससम्मान वापस करने के लिए उन्हें कोसने के बाद यह कहा कि शत्रुओं की औरतों में बुढी, जवान, बच्चियों को भी बलात्कार करके उन्हें अपमानित करना यही युध्द शास्त्र का नियम है ! और यह किताब सावरकर सदन ने छापा भी है ! शायद सावरकर की शिक्षा के कारण बलात्कार करते – करते बलात्कारी की वासना इतनी बेकाबू हो रहे हैं ! कि अब वह इस प्रकार की हरकतें कर रहे है !
लेकिन चरीत्र निर्माण करने का दावा करने वाले ! संघ के एक भी पदाधिकारी या स्वयंसेवक को मैंने इस संबंध में कोई भी भूमिका लेते हुए नही देखा हूँ ! और उनकी राजनीतिक ईकाई बलात्कारी को बचाने के प्रयास में लिप्त दिखाई दे रही है ! लानत है ऐसे संघठन और राजनीतिक दलों पर ! जो आज इस देश की कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी का निर्वाह की जिम्मेदारी सम्हाल रहे हैं ! और उन्हें आंतरराष्ट्रीय स्तर के संघठन को हमारे देश की लडकीयो के उपर हुए अन्याय को लेकर कारवाई करने के लिए कहना पड़ता है ? और हम अपने आप को विश्व गुरु तथा विश्व के लोकतंत्र की माँ कहने का दावा कर रहे हैं !


नरेंद्र मोदीजी के समस्त राजनीतिक करियर को देखते हुए ! 2002 के गुजरात दंगों से लेकर नोटबंदी, लॉकडाऊन, एनआरसी के कानून से लेकर चले आंदोलन के दौरान और उसके बाद ! हमारे देश के अन्नदाता किसानों के आंदोलनों के समय ! रस्ते खुदवाने से लेकर, रसतोपर कीलें गवाने ! तथा तीन डिग्री सेल्सियस तापमान में किसानों के उपर पानी के फव्वारों की बारिशों से ! लेकर एक हजार किसानों की मौत ! धरनास्थल पर ! और किसानी पुसाती नही इस हताशा में पांच लाख किसानों को आत्महत्याओं के लिए कौन जिम्मेदार हैं ?


और पिछले पैतिस दिनो से हमारे देश की बेटियों ने ! विश्व में भारत की शान बढ़ाने का काम किया है ! ऑलंपिक से लेकर एशियाई खेलों में पदक जीते हैं ! और उसके पहले उनके साथ इस क्षेत्र में शामिल करने के लिए ! शर्तों के अधीन उनका यौन शोषण करने जैसी संगिन घटना को लेकर ! सबसे पहले जनवरी में अधिकारिक तौर पर खेल मंत्रालय को लिखी तकरार के जवाब में ! “कहा गया था कि हम अंतर्गत जांच करने के बाद इसपर कोई कार्रवाई करेंगे !” उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ ! तो अप्रेल के 24 तारीख से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया ! जिस जगह सभी दलों के नेताओं ने भेट देकर समर्थन दिया ! तथा जिवन के सभी क्षेत्रों के लोगों ने भी जंतर-मंतर पर और देश भर में जगह – जगह पर समर्थन करते हुए धरना – प्रदर्शन किया है !

और 28 मई 2023 को नऐ संसद भवन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ! “भारत में सिर्फ लोकतंत्र ही नहीं है ! भारत समस्त विश्व के लोकतंत्र की माँ है ! ” और उसी समय भारत की कुछ बेटीया अपने उपर हुए अत्याचारों के बारे में कारवाई करने के लिए ! एक महिने से अधिक समय से राजधानी में चिलचिलाती धुप में ! संसद भवन परिसर से कुछ ही दूरी पर! स्थित जंतर-मंतर पर धरना दे रही है ! क्या” यह बात भारत में सिर्फ लोकतंत्र ही नहीं है ? वह समस्त विश्व के लोकतंत्र की माँ है ! “कहने वाले प्रधानमंत्री को मालूम नहीं है ? अगर मालूम नहीं है ! तो ऐसे असंवेदनशील आदमी को इस देश के प्रधानमंत्री पदपर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है ! और संसद भवन के उद्घाटन का तो बिल्कुल भी नहीं है !
जनतंत्र को लेकर सिर्फ लफ्फाजी करने का पाखंड यह हमारे देश की लडकीयो साथ उसी समय यह घटना करने के लिए कौन जिम्मेदार हैं ? किसके आदेश से यह कारवाई की गई !


विश्व के लोकतंत्र की माँ कहें जा रहे देश के लोकतंत्र की धज्जियाँ तब उडने लगी ! जब विश्व ऑलंपिक संघ को सज्ञान लेकर आखिरकार धमकाना पडा ! “की भारत को विश्व कुश्ती प्रतियोगिता से बाहर निकालने की कृती की जा सकती है !” विश्व के लोकतंत्र की माँ कहने वाले लोगों को इससे ज्यादा झन्नाटेदार तमाचा वह भी आंतराष्ट्रीय स्तर के संघ के द्वारा ! यह नही सिर्फ किसी एक प्रधानमंत्री के अपमान का सवाल नहीं है ! यह संपूर्ण देश के अपमानित होने की नौबत वर्तमान सत्ताधारी दल अपने आदमी को बचाने के लिए संपूर्ण देश की आबरू के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं !


वह आदमी इतना बदनाम होने के बाद भी उसी संसद में बैठा हुआ था ! आज छ महिने हो रहे हैं ! सरकार की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि ! “जिसके उपर कारवाई की मांग की जा रही है ! लेकिन सरकार गौतम अदानी उद्योग समूह के बारे में जिस तरह से मौन धारण किए हुए हैं ! बिल्कुल उसी तरह छ महीनों से इस आदमी के उपर कारवाई करने की मांग की जा रही है ! लेकिन सरकार ने उस आदमी को नए संसद भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल कर के !

दुसरी तरफ अपने उपर हो रहे अन्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाली लड़कियों को दिल्ली पुलिस अचानक जोर-जबरदस्ती से धरना स्थल से उठा कर अपने गाडीयो में ले जाना ! और धरना स्थल पर उन्होंने खड़े किए शामियाना तथा उनके सामान को नष्ट करने की कृती करने की बात ! “विश्व लोकतंत्र की माँ है ! “यह जुमला प्रधानमंत्री नए संसद भवन में अपने उद्घाटन संबोधन में बोल रहे थे !


जैसे उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 27 फरवरी 2002 की गोधरा रेल हादसे के बाद ! भारत के सेना को गुजरात के कानून – व्यवस्था सम्हालने के लिए अधिकृत पत्र लिख कर बुलाने की खानापूर्ति की थी ! लेकिन 27 ,28, फरवरी और एक मार्च 2002 तक भारत की सेना को अहमदाबाद के हवाईअड्डे के बाहर आने के लिए कोई भी लॉजिस्टिक्स या मॅजिस्ट्रेट दिया नही ! उल्टा उस सेना के नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह, थकहारकर खुद रात के दो बजे गांधीनगर मुख्यमंत्री आवास पर ! अपने साथ लाए जिप्सी से पहुंच कर देखें ! कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडिस खाने की मेज पर खाना खा रहे थे ! तो उन्हें भी खाने के लिए आग्रह किया !

तो उन्होंने खाना खाते हुए कहा कि ! “हम तीन हजार जवानों को लेकर अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचकर कई घंटे हो चुके हैं ! और हम ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरने के पहले हवाई जहाज से देखा कि पूरा गुजरात जल रहा है ! लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह ने रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडिस को देखते हुए कहा कि मुख्यमंत्रीजी को बोलीए की वह हमे लॉजिस्टिक्स और मॅजिस्ट्रेट देने का कष्ट करेंगे ! ” लेकिन यह वार्तालाप होने के पस्चात भी और दो दिनों तक ! सेना को अहमदाबाद हवाई अड्डे के बाहर निकलने नही दिया ! और उन तीन दिनों में लगभग हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मारे गए ! और उनकी संपत्ति तथा महिलाओं के साथ अत्याचार हुए हैं !


क्या नरेंद्र मोदीजी को मालूम नहीं है ? कि गत छ महीनों से लडकियां अपने उपर हुए अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है ? 24 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रही है ! और देश के हर क्षेत्र के लोगों ने उन्हें समर्थन दिया है ! क्या इसी बात से चिढकर विश्व के लोकतंत्र की माँ कहने वाले को गुस्सा आया था ?
जैसे कि 27 फरवरी 2002 के गोधरा कांड के बाद गुस्से से मंत्रिमंडल को कहा कि ! “कल से गुजरात में खुली छूट देनी है ! और कोई भी लोगों को रोकने का प्रयास न करें !” फिर गुलबर्ग सोसायटी के लोग बार – बार फोन पर फोन क्यों न करे ! और नरोदा पटिया से लेकर बेस्ट बेकरी या बिल्किस बानो के साथ बेआबरू करने की कृती को कोई भी नहीं रोकेगा ! और रोकथाम के लिए शांति सद्भावना को बनाए रखने के लिए ! साबरमती आश्रम में जमा लोगों के उपर हमला करने वाले को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाने का काम किया है !
और दुसरी तरफ विरोधी दलों के लोगों के घरों में ईडी, आईटी, आईबी, सीबीआई तथा पुलिस और बुलडोजर के साथ कारवाई करने तथा कुछ लोगों को तथाकथित एनकाउंटर में जान से मारने की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है ! लेकिन अपने आदमी फिर वह खूनी हो ! बलात्कारी हो ! चोर – लुटेरा हो या मालेगाँव समझौता एक्सप्रेस में बम विस्फोट करने वाले गुनाहगारों में से वह आराम से संसद तथा विधानसभा या खुलेआम घुमते हुए ! उल्टा आपत्तिजनक टिप्पणीया करते हुए दिखता है !
बलात्कारियों को आजादी के पचहत्तर साल के आड में छोडने के ! और दंगों में शामिल होने के ऑडियो – विडियो रेकॉर्ड मौजूद हैं ! और दुनियाभर के लिखित सामग्री के रहते हुए उन्हें बाईज्जत बरी करने के फैसलों को क्या कहेंगे ?


आनेवाले 25 जून को आपातकाल की घोषणा के 48 साल होने जा रहे है ! आप और आप के दल के द्वारा आपातकाल की घोषणा से लेकर सेंसरशिप तथा आपातकाल में की गई ज्यादतियों को लेकर खुब बोलने – लिखने वाले हो ! लेकिन पिछले नौ सालों से आप लोगों ने बगैर किसी आपातकाल की घोषणा किए बगैर कोई सेंसरशिप लगाएं आज क्या चल रहा है ?
सबसे पहले भारत की सभी संविधानिक संस्थानों को आपने अपने दल की इकाई जैसे बनाकर रख दिया है ! संसद सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का पार्टी सभागार बना लिया है ! और भारतीय संविधान को उसी संविधान की खुंटी पर टांग दिया है ! और अपनी मनमानी से गौतम अदानी जैसे अठ्ठाईस साल पहले तक ! एक मामुली आदमी को विश्व का ! तीसरे नंबर का अमिर आदमी बनाने का रहस्य क्यों छुपा रहे हो ?
और इस देश के जल – जंगल – जमीन और जमीन के उपर जितनी भी संपत्ति ! फिर वह हवाई अड्डे पानी के पोर्ट रेल रक्षा विभाग, स्वास्थ्य – शिक्षा, कृषि !


मतलब दो सौ साल पहले जिस तरह से अंग्रेजो ने इस्ट इंडिया कंपनी नाम से एक कंपनी के अंतर्गत भारत की समस्त संपत्ति को अपने कब्जे में कर लिया था ! आज आजादी के पचहत्तर साल के बाद कोई एक प्रायवेट आदमी हमारे देश की संपूर्ण संपत्ति का मालिक बन जाता है ! और नई संसद भवन तथा सरकारी विभागों के लिए नए भवन निर्माण किस लिए ? अगर किसी एक आदमी को पूरा देश दे देने की कृती का रहस्य क्या है ? और जिस देश में हमारे देश की बेटियों की इज्जत दाव पर लगाने वाले लोग उस संसद में बैठेंगे तो ऐसे लोकतंत्र के मंदिर को मंदिर कहना और समस्त विश्व के लोकतंत्र की माँ कहना सिर्फ और सिर्फ पाखंड कहलाया जायेगा !
डॉ. सुरेश खैरनार 31 मई 2023, नागपुर

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