जैसे कि पाकिस्तान चुनाव में जीत मिलने के बाद  इमरान खान ने कहा था कि यदि भारत रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगा तो वह दो कदम आगे बढ़ाएंगे.  तो इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर से शांति वार्ता शुरू करवाने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है. खास बात यह है कि उन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की मीटिंग से इतर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच मीटिंग का आग्रह किया है.

बता दें कि इस महीने के बाद न्यू यॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (यूएनजीए) की मीटिंग होनी है. खान का यह पत्र पीएम मोदी के उस संदेश का जवाब है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच ‘फलदायक और रचनात्मक’ संबंधों का संकेत दिया था.

सूत्रों के अनुसार, अपने पत्र में इमरान खान ने दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता बहाली की बात कही है. द्वीपक्षीय वार्ता 2015 में होने वाली थी, लेकिन पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले की वजह से यह रद्द हो गई थी. इस संदर्भ में खान का कहना है कि भारत और पाकिस्तान मिलकर बातचीत से सभी मुद्दों को हल कर लेंगे. जिसमें आतंकवाद और कश्मीर का मसला शामिल है. दिसंबर 2015 में स्वराज इस्लामाबाद हर्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस के लिए गई थीं. यह दोनों देशों के बीच आखिरी बातचीत थी.

लेकिन भारत सरकार चाहती है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए एक अर्थपूर्ण माहौल बनाए और उन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जो उसकी धरती से भारत को अपना निशाना बनाते हैं. खान का पत्र ऐसे समय में आया है जब कुछ मंत्रियों का कहना है कि खान के नेतृत्व में पड़ोसी देश में कुछ भी बदलने वाला नहीं है, क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है.

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