policeझारखंड के अलग होने के बाद से बिहार में खनिज पदार्थों के नाम पर सिर्फ बालू ही बचा है. बालू से ही राज्य सरकार को एक बड़ी राशि राजस्व के रूप में आती है. काम लायक बालू भी दक्षिण बिहार के नदियों से ही आता है. सोन, फल्गू के साथ-साथ करीब दो दर्जन छोटी बड़ी अन्य नदियों से राज्य सरकार ने बालू उत्खनन का निर्देश दिया है. बालू का कटाव या उत्खनन नदियों के निर्धारित घाटों से ही करना है, लेकिन बालू माफिया, खनन विभाग और पुलिस की सांठ-गांठ से अवैध रूप से नदियों से बालू का बड़े पैमाने पर उठाव कर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं. बरसात में चार महीने तक नदियों से बालू उत्खनन की रोक के बाद एक अक्टूबर 2017 से कुछ नदियों से सरकारी स्तर से बालू उठाव के लिए सरकारी नीतियां बनायी गईं.

अवैध रूप से उत्खनन को रोकने के लिए भी खनन विभाग को विशेष निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद बालू माफिया खुलेआम अवैध रूप से बालू का कटाव कर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों तथा राज्य से बाहर भी धड़ल्ले से बालू भेज रहे हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब गया जिले के जिला पदाधिकारी कुमार रवि फल्गु-निरंजना और सरस्वती नदी के संगम पर छठ घाटों का निरीक्षण करने पहुंचे. जिला पदाधिकारी और पुलिस कर्मियों को देख संगम घाट से अवैध रूप से बालू का उठाव कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई. हालांकि इस दौरान पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन वे सब पकड़े नहीं जा सके. बालू के अवैध उत्खनन को देख जिला पदाधिकारी कुमार रवि काफी गंभीर हो गए और इस संबंध में स्थानीय मुखिया और पुलिस से पूछताछ की.

मुखिया ने बताया कि बालू माफिया प्रतिदिन सुबह तीन बजे से ही ट्रकों और ट्रैक्टरों से अवैध रूप से बालू की ढुलाई कराते हैं. इस मामले में पूरे जिले की पुलिस संदेह के घेरे में है. गया जिला के नक्सल प्रभावित शेरघाटी अनुमंडल की पुलिस तो खुले आम बालू लदे ट्रकों से राशि की वसूली कर रही है. गया शेरघाटी रोड में विधायक डॉ. विनोद कुमार यादव के घर के निकट ही बालू लदे ट्रक के चालक से अवैध वसूली करते फोटो वायरल होने के बाद पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के भी होश उड़ गए. बताया जाता है कि जीटी रोड स्थित शेरघाटी थाना के सामने से प्रतिदिन बालू लदे सैकड़ों ट्रक गुजरते हैं. ये सभी ट्रक अवैध रूप से बालू का उठाव माफिया के संरक्षण में करते हैं. बताया जाता है कि पुलिस के चढ़ावे के बिना कोई भी ट्रक आगे नहीं बढ़ पाता है. बालू माफिया की तरफ से पुलिस को प्रति महीने एक मोटी रकम दी जाती है. एक ओर जहां पुलिस और खनन विभाग अवैध रूप से बालू खनन को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी भूमि से मिट्‌टी खनन करने पर भी राशि की मांग करते हैं. खनन विभाग द्वारा अपनी ही भूमि से मिट्‌टी खनन करने के काम में  लगे ट्रैक्टर चालक पर जुर्माना ठोक दिया गया.

रॉयल्टी एवं अन्य कर के तौर पर एक लाख रुपये का जुर्माना कर दिये जाने से आक्रोशित लोगों ने जब बोधगया में गया डोभी रोड जाम कर दिया, तब पुलिस व खनन विभाग के कारनामे का पता चला. सैकड़ों की संख्या में लोगों द्वारा खनन विभाग के काले कारनामों को लेकर सड़क जाम करने के बाद संबंधित सरकारी पदाधिकारियों की नींद खुली और अपनी भूमि से मिट्‌टी खनन करने वाले लोगों से मामला वापस लिया गया. पुलिस व खनन विभाग के इन कारनामों के खुलासे के बाद भी गया जिले के नदियों से अवैध रूप से सैकड़ों ट्रक बालू का उठाव प्रतिदिन किया जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व की बड़े पैमाने पर क्षति हो रही है. हाल के दिनों में सरकार ने बालू खनन के लिए नई नीति बनाई है, जिसके तहत निजी कम्पनी को ठेका नहीं देकर सरकारी स्तर से निर्धारित घाटों से बालू उठाव करने और राजस्व की वसूली विभाग द्वारा कराने का निर्णय लिया है. इसी के बाद से बालू माफिया अवैध उत्खनन में सक्रिय हो सरकारी राजस्व को बड़े पैमाने पर हानि पहुंचा रहे हैं.

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