देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बीच केंद्रीय राज्यमंत्री (पेट्रोलियम और नेचुरल गैस) रामेश्वर तेली ने ईंधन की ऊंची कीमतों का कारण बताया है। उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे करों से लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की तुलना पैकेज्ड मिनरल वाटर से भी की है और कहा है कि ऐसे पानी की कीमत ज्यादा होती है।

शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री तेली ने कहा कि पेट्रोल की कीमत ज्यादा नहीं हैं, मगर टैक्स लगाया जाता है और यह भी संसाधन जुटाने का एक जरिया है। मंत्री ने कहा कि असम उन राज्यों में शामिल है जहां पेट्रोल पर सबसे कम वैट है।

मंत्री ने कहा कि मुफ्त वैक्सीन के लिए पैसा केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले करों से ही तो आता है। उन्होंने कहा कि ईंधन के दाम ज्यादा नहीं है, लेकिन इसमें टैक्स लगाया जाता है। आपने मुफ्त टीका लिया होगा, उसके लिए पैसा कहां से आएगा? आपने टीके के लिए पैसे का भुगतान नहीं किया। इसी तरह से फ्री वैक्सीन के लिए पैसा जुटाया गया।

उन्होंने कहा कि मिनरल वाटर की कीमत इससे कहीं ज्यादा है। पेट्रोल की कीमत 40 रुपये है। असम सरकार इस पर 28 रुपये वैट लगाती है। पेट्रोलियम मंत्रालय 30 रुपये लगाता है तो यह 98 रुपये का हो जाता है। अगर आप हिमालय का पानी पीते हैं तो एक बोतल की कीमत 100 रुपये है। पानी की कीमत ज्यादा है, तेल की नहीं।

टैक्स के बाद 3 गुना महंगे हो जाते हैं पेट्रोल-डीजल
देश में पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइस तो अभी 41.32 रुपए है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगने वाले टैक्स से इनकी कीमतें देश के हिस्सों में 115 रुपए के पार पहुंच गई हैं। केंद्र सरकार 32.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल का दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है। अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पेट्रोल पर 60 और डीजल पर 48 रुपए के करीब टैक्स वसूला जाता है।

केंद्र व राज्य सरकारें पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर टैक्स लगाकर भर रहीं अपना खजाना
2014 में मोदी सरकार आने के बाद वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर एक्साइज ड्यूटी से 1.72 लाख रुपए की कमाई हुई थी। 2020-21 में यह आंकड़ा 4.55 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। यानी सिर्फ 6 सालों में ही एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की कमाई ढ़ाई गुना बढ़ गई। वहीं राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने से होने वाली कमाई 6 साल में 43% बढ़ी है।

वित्त वर्ष 2014-15 में इससे होने वाली कमाई 1.37 लाख करोड़ थी जो 2020-21 में बढ़कर 2.03 लाख करोड़ पर पहुंच गई। कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद भी सरकार ने पेट्रोल- डीजल पर भारी टैक्स वसूलकर अपना खजाना भरा है।

इस महीने पेट्रोल 2.80 और डीजल 3.30 रुपए महंगा हुआ
इस महीने 12 दिन में पेट्रोल-डीजल 10 बार महंगे हो चुके हैं। इससे पेट्रोल 2.80 और डीजल 3.30 रुपए तक महंगा हो चुका है। इस साल 1 जनवरी को पेट्रोल 83.97 और डीजल 74.12 रुपए प्रति लीटर था। अब ये 104.44 और 93.17 रुपए प्रति लीटर पर है। यानी 10 महीने से भी कम समय में पेट्रोल 19.57 और डीजल 18.06 रुपए तक महंगा हुआ है।

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