नवरात्र में रतलाम शहर में गरबे सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए सजाए गरबा पांडालों में विहिप धर्म प्रसार आयाम के कार्यकर्ता गैर हिंदुओं के प्रवेश निषेध के बैनर लगा रहे हैं। इससे मामला गरमा गया है। विहिप धर्म प्रसार कार्यकर्ताओं का कहना है कि गैर हिंदू अपने धार्मिक मान्यता में हिंदू रिवाजों को नहीं मानते हैं, तो उन्हें गरबा पांडालों में भी नहीं आना चाहिए।

मालूम हो कि गत कुछ वर्षों से नवरात्र के दौरान हुई घटनाओं के बाद शहर में हालात बिगड़ते रहे हैं। धर्म प्रसार आयाम के इस कदम के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है। खुफिया विभाग भी जानकारी जुटा रहा है। इधर गरबा पांडालों में बैनर लगाने के बाद कार्यकर्ता रात में चौकसी के लिए भी तैनात किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण रोकने की गाइडलाइन के चलते गरबा पांडालों में पहले से जैसी रौनक नहीं है, लेकिन आयोजक सुरक्षा संबंधी सभी इंतजाम कर रहे हैं।

वहीं इस मामले पर जब वीएचपी के जिला महामंत्री चंदन शर्मा से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि हमने हर पोस्टर में लिखा है कि गैर हिंदू का प्रवेश वर्जित है। कुछ धर्म विशेष के लोग आते हैं, हमारा उनसे सवाल है कि जब हिंदू लड़की गरबा करें तो वह क्यों आते हैं। अगर उन्हें गरबा से प्रेम है तो वह अपने घर से महिलाओं को भी गरबा खेलने के लिए ले आएं। वीएचपी नेता ने कहा कि हम पहचानपत्र देखकर उन्हें रोकेंगे। सभी पंडालों में ऐसे पोस्टर लगाए हैं।

 

इंदौर में भी हंगामा
रतलाम की तरह इंदौर में भी नवरात्र के दौरान कई स्थानों पर गरबा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम गांधीनगर इलाके में स्थित ऑक्सफोर्ड कॉलेज में भी हो रहा था। इसी दौरान यहां बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता पहुंच गए। उन्हें पता चला था कि गरबा में गैर हिंदुओं के प्रवेश की भी अनुमति दे दी गई है, जिसे लेकर वह आक्रोशित थे।

हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम बंद करवा दिया और कार्यक्रम स्थल से चार गैर हिंदू युवकों को पकड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि गरबा के नाम पर लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दौरान यहां एसएसपी समेत पुलिस बल भी पहुंचा। कार्यकर्ताओं ने मामले में कार्रवाई की मांग उठाई जिसके बाद गरबा कार्यक्रम को बिल्कुल ही बंद करवाना पड़ा।

बजरंग दल के जिला प्रमुख तनु शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजक गरबा के नाम पर व्यापार कर रहा था। 300 रुपये का टिकट 1500 में बेचा था। प्रशासन ने 800 लोगों की अनुमति दी है लेकिन यहां 10 हजार से अधिक लोग मौजूद थे। हमें पता चला कि टिकट वितरण गैर हिंदुओं से करवाया जा रहा है, जिस पर हमने आयोजक के सामने आपत्ति जताई थी।

 

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