प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अली जावेद जी विगत 31 अगस्त 2021 की रात को नहीं रहे ।अली जावेद जी का निधन हमारे समय ,प्रगतिशील आंदोलन और प्रगतिशील लेखक संघ की बहुत बड़ी क्षति है ।वामपंथी ,प्रगतिशील आंदोलन और प्रगतिशील लेखक संघ के प्रति अली जावेद जी की गहरी प्रतिबद्धता अविस्मरणीय है ।प्रगतिशील आंदोलन में जिजीविषा के साथ उनकी नेतृत्वकारी भूमिका प्रेरक है ।

मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा अली जावेद जी के निधन पर बेहद दुख के साथ श्रद्धांजलि अर्पित है ।
अली जावेद जी हमारी यादों में हमेशा बने रहेंगे ।उनका निधन मेरे लिए किसी हादसे से कम नहीं है ।उनकी जिंदादिली और जिजीविषा पर बेहद भरोसा था कि वे शीघ्र ही स्वस्थ होंगे ।

अली जावेद जी से जुड़ी कुछ बातें और कुछ यादें हैं ।लेकिन कुछ वादे जो उन्होंने मुझसे किए थे ,और कुछ वादे जो मैने उनसे किए थे ,वे अब कभी भी पूरा न हो सकेंगे ।यह टीस हमेशा बनी रहेगी ।

विगत 7 अगस्त से 31 अगस्त के बीच घटनाक्रम इतनी तेजी से चला कि मैं बेहद हैरान और दुखी हूं ।अगस्त के प्रथम सप्ताह में अली जावेद जी से फोन पर बात हुई थी।मैंने उनसे कहा था कि भारत की आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ की पूर्व बेला में लाल सलाम कार्यक्रम के लिए आपसे बातचीत की रिकार्डिंग करनी है ।विषय रहेगा ” जंगे आजादी में उर्दू भाषा का योगदान “।यह सुनकर वे बेहद खुश हुए थे ।हम दोनों यह बात करते रहे कि इन दिनों जबकि फासीवादी सरकार उर्दू भाषा को सिर्फ मुसलमानों से जोड़कर उर्दू और मुसलमानों को दोयम दर्जे का साबित करने की साजिशें कर रही है ,तब इस विषय पर प्रसारण कितना महत्वपूर्ण होगा। वे इसे लेकर बेहद उत्साहित थे ।

हमने 11 अगस्त 2021 को दोपहर 12 बजे से लिंक के माध्यम से रिकार्डिंग की थी ।कार्यक्रम का समय 35 मिनिट निर्धारित होता है , लेकिन यह बातचीत इतनी महत्वपूर्ण थी कि लाउड इंडिया टी वी चैनल मुंबई के संचालकों ने इसे बाधित नहीं किया ।लगभग 55 मिनिट की रिकार्डिंग हुई ।यह बातचीत अपने समय का एक अति महत्वपूर्ण और प्रेरक दस्तावेज है ।तब अली जावेद जी ने कहा था कि मैं इस विषय पर विस्तार से लिखूंगा ।इस कार्यक्रम की तकनीकी संचालक अनिया जी ने भी कहा था कि हमें अली जावेद जी के साथ एक रिकार्डिंग और करना चाहिए ।

अली जावेद जी से फिर 13 अगस्त को रात 8 बजे लगभग मेरी फोन पर बात हुई थी ।वे रिकार्डिंग के बाद 14 अगस्त को शाम 7 बजे होने वाले प्रसारण को सुनने के लिए बेहद उत्सुक थे ।मैने उनसे कहा था कि मैं उन्हें अपनी तरफ से भी लिंक भेज दूंगा।तब भी उन्होंने कहा था कि ” में इस विषय पर अभी हुई रिकार्डिंग से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं । मैं बहुत सारी बातें कहना और लिखना चाहता हूं ।”

मैने भी कहा था कि हम एक रिकार्डिंग और करेंगे ।
मुझे ज्ञात हुआ कि मुझसे फोन पर बात करने के कुछ देर बाद ही अली जावेद जी को ब्रेन हेमरेज हुआ ।यह किसी के भी साथ उनकी फोन पर आखिरी बातचीत थी ।

मैं यह इच्छा करता ही रह गया कि वे 14 अगस्त की शाम होने वाले इस प्रसारण को किसी भी तरह देख लें या सुन लें ।जब प्रसारण हो रहा था तब वे अस्पताल में भर्ती थे ।देखने या सुनने की कोई स्थिति ही नहीं थी ।कार्यक्रम का वीडियो उनके मोबाइल पर मैंने तत्काल ही भेज दिया था। … और अब अली जावेद जी का मोबाइल भी है ,उसमें लाल सलाम कार्यक्रम के लिए हुई उनसे बातचीत का वीडियो भी है ,लेकिन उसको देखने के लिए खुद अली जावेद जी नहीं हैं ।वे अपने इस अंतिम कार्यक्रम की रिकार्डिंग को देख भी न सके ,इसका मुझे और लाउड इंडिया टी वी चैनल मुंबई की टीम को बेहद दुख है ।

अली जावेद जी से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और प्रगतिशील लेखक संघ के विभिन्न आयोजनों में कई जगह मिलने के अवसर आए ।फोन पर भी बातें होती रहती थीं ।वे भोपाल में कुछ दिन रहकर पुराने भोपाल शहर की गलियों में घूमना चाहते थे ।वे चाहते थे कि भोपाल में फ़ज़ल ताबिश साहब और ताज भोपाली की याद में कोई बड़ा कार्यक्रम किया जाए ।इन हस्तियों के बारे में वे अक्सर मुझसे फोन पर बात करते थे ।

इस संकट के समय फासीवादी प्रवृत्तियों और ताकतों के खिलाफ उनका प्रतिरोध हम सब को ऊर्जा दे रहा था। अली जावेद जी की अभी बेहद जरूरत थी ।उनका अप्रत्याशित निधन आहत कर गया ।
कॉमरेड अली जावेद जी को लाल सलाम ।

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