नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी में प्रेस वार्ता का वीडियो चुनाव आयोग की जांच के दायरे में आ गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने अमेठी में राहुल गांधी के प्रेस वार्ता का पूरा वीडियो भेजा है. मामला प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ शब्द के इस्तेमाल का है.

दरअसल अमेठी में नामांकन दाखिल करने के बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा था ‘चौकीदार चोर है’. इस पर बीजेपी के प्रतिनिधिमंल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी.

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा प्रमुख मायावती सहित अन्य नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने संबंधी कथित बयानों की शिकायतों पर जांच जारी है. वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया कि इन शिकायतों पर संबद्ध राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) से रिपोर्ट तलब की गयी है. कुछ मामलों में सीईओ की रिपोर्ट मिल गयी है और कुछ में रिपोर्ट का इंतजार है.

पीएम मोदी पर शिकायतों की जांच जारी है
हाल ही में मोदी द्वारा लातूर में चुनाव प्रचार के दौरान सैन्य अभियानों के पराक्रम का जिक्र किये जाने और एक अन्य जनसभा में सबरीमला पर धार्मिक बयान देने की अलग अलग शिकायतें मिली थीं. उमेश सिन्हा ने बताया कि दोनों मामलों में सीईओ से प्रधानमंत्री के भाषणों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है.

उन्होंने साफ किया कि लातूर में मोदी के बालाकोट सैन्य अभियान से जुड़े बयान पर जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट मिल गयी है. लेकिन यह रिपोर्ट पूरी नहीं थी इसलिये फिर से पूरे भाषण की रिपोर्ट मंगाई गयी है. वहीं सबरीमाला पर मोदी के बयान की रिपोर्ट मिल गयी है. इसकी जांच के बाद आयोग जल्द फैसला करेगा.

राहुल गांधी के लिए राहत की खबर
कांग्रेस द्वारा घोषित न्याय योजना के नाम पर वोट मांगने की अपील से जुड़े राहुल गांधी के बृहस्पतिवार के ट्वीट से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत के बारे में चुनाव आयोग के महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा ने बताया कि उक्त ट्वीट में किसी संसदीय क्षेत्र या स्थान विशेष का उल्लेख नहीं किया गया है. इसलिये इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना गया है.

उन्होंने बताया कि पीएम मोदी पर आधारित बायोपिक मामले में आयोग द्वारा गठित समिति ने फिल्म को देखा है. चुनाव के दौरान फिल्म को रिलीज करने के बारे में समिति की सिफारिश का इंतजार है.

इसकी रिपोर्ट के आधार पर आयोग उच्चतम न्यायालय को इस मामले में अपनी सिफारिश से अवगत करायेगा. उल्लेखनीय है कि बायोपिक ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ को चुनाव के दौरान जारी करने पर रोक लगाने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है.

 

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