भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को अपने भोपाल स्थित निवास पर काला झंडा लहराया है। किसान बिल के विरोध को लेकर लगाए गए इस झंडे की जानकारी उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से दी है। साथ ही इन तीनों बिलों को वापस लेने की मांग केन्द्र सरकार से की है। उन्होंने किसान एकता मंच के 6 माह पूरे होने पर बधाई भी दी है।

लंबे समय से खामोशी धारण किए हुए दिग्विजय सिंह द्वारा अचानक झंडा लहराने को लेकर सियासी हलचलें शुरू होने लगी हैं। इससे कुछ देर पहले ही गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह ने पहली बार सत्य का साथ दिया है, लाशों की राजनीति और आग लगाने वाली बात पर कमलनाथ से अलग हो गए हैं।

मिश्रा द्वारा की गई तारीफ और इसके बाद आए दिग्विजय के केन्द्र सरकार विरोधी ट्वीट हालांकि दो अलग-अलग मामले हैं, लेकिन इन्हें लेकर सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जिस दौर में प्रदेश कांग्रेस पूरी तरह से प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने में जुटी हुई है, वहीं दिग्विजय का केन्द्र की तरफ निशाना साधना इस बात से जोड़ा जा रहा है कि वे अपनी अलग सियासत का ढ़ोल पीट रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेसियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और हर मौके पर वह वार करने की मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक आकर लगातार भाजपा पर हमले किए जा रहे हैं।

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