हम सब में ब्रह्म हैं ये शास्त्रों में लिख दिया

शिव ही अर्द्धनारीश्वर ये यह भी बता दिया

दीपावली है पुरुषोत्तम घर आए हैं! जलाओ दिया

घर द्वार खुले रखो लक्ष्मी आयेगी ये भी बता दिया

महा विष्णु संसार चलाते हैं पुराणों ने कह दिया

लक्ष्मी उनके चरणों में है!चित्रित कर बता दिया

देव महादेव जो असमर्थ होते शक्ति का स्मरण किया

ब्रह्म विष्णु महेश के इच्छा को शक्ति ने अंजाम दिया

आसुरी भक्तों को भी वरदान भोले महादेव ने दिया

अधर्मी असुर से तब देवों का उद्धार शक्ति ने किया

शास्त्र पुराण बता रहे हम सब में है दीपक और दिया

हर पुरुष कुल दीपक हैं तो! हर नारी शक्ति का दिया

समाज चलाने के लिए दीपक और बचाने के लिए दिया

स्त्री और पुरुष के समान योगदान का बखान कर दिया

पता नहीं हमारे समाज ने कब ये संस्कार भुला दिया?

दीपक तो जगमगा रहे हैं लेकिन दिये को बुझा दिया !

अर्द्धनारीश्वर मे तो दोनों रूप समाहित है दीपक और दिया

हर नर! उज्जवल दीपक है और हर नारी! जगमगाती दिया

चलिए आज हमने आपने ये प्रण कर लिया

हम सब हैं इस समाज के दीपक और दिया

इस कविता ने हम सबको यह समझा दिया

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