दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब दिल्ली में 1 सितंबर से 9वीं से 12वीं क्लास के लिए स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग इंस्टिट्यूट खुलेंगे। डीडीएम ने स्कूल और कॉलेज खोलने के लिए एसओपी जारी किए हैं। डीडीएमए के कहा है कि क्लास रूम की सीटिंग क्षमता के अधिकतम 50 फीसदी तक बच्चे एक बार में क्लास कर सकेंगे। हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अलग-अलग समय का फॉर्मूला होगा।

मॉर्निंग और ईवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में दोनों शिफ्टों के बीच कम से कम एक घंटे का गैप जरूरी होगा। बच्चों को अपना खाना, किताबें और अन्य स्टेशनरी का सामान एक-दूसरे से साझा नहीं करने की सलाह देने को कहा गया है।

डीएम ने स्कूलों व अन्य स्थानों के लिए निम्न गाइडलाइन जारी की है-

1) इन कार्यों पर रहेगा प्रतिबंधः
a) कक्षा 8 तक के सभी स्कूल और इंस्टीट्यूट बंद रहेंगे। हालांकि नौवीं कक्षा और उससे ऊपर की क्लास के छात्रों के लिए स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग इंस्टीट्यूट, स्किल डेवलपमेंट और प्रशिक्षण संस्थान और लाइब्रेरी खुलेंगे। वह भी सिर्फ 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ ही।
b) सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक और त्योहार संबंधी जमावड़े पर रोक रहेगी।
c) विवाह समारोह को छोड़कर अन्य कार्यों के लिए बैंक्वेट हॉल का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।

स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, प्रशिक्षण संस्थान, अन्य सभी तरह के प्रशिक्षण संस्थान और लाइब्रेरी को खोलने से पहले निम्न नियमों का पालन करना होगा-
1) स्कूल से लेकर किसी भी तरह के शिक्षण संस्थान के प्रमुख को स्कूल व अभिभावक संगठन से जुड़े सदस्यों से बैठक करनी होगी और संस्थान खोलने पर उनकी राय लेनी होगी। शिक्षक आदि को अभिभावकों में वैक्सीन के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी।
2) छात्रों में आत्मविश्वास बढ़े इसे लेकर जब भी जरूरत होगी स्कूल समेत किसी भी शिक्षण संस्थान के प्रमुख को मीटिंग करने की सलाह दी गी है।
3) शिक्षण संस्थान के प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करे कि स्कूल में मास्क, सैनिटाइजेशन, थर्मल स्कैनर, साबुन आदि हर तरह का इंतजाम हो और यह नियमित रूप से कार्य में लाया जाए।
4) शिक्षण संस्थान के मुखिया की ये भी जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करे कि उसके स्टाफ वैक्सीनेट हैं या अगर नहीं लगी है तो जल्द से जल्द उन्हें वैक्सीन लग जाए।

कौन सी गतिविधियां स्कूल में स्वीकृत हैं-
1) टाइम टेबल बनाते वक्त शिक्षण संस्थान के हेड को यह ध्यान रखना है कि बच्चों को हाथ धोने का भी समय मिले। क्लास की सीट क्षमतो को देखकर सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाए। लंच खुली जगह पर बच्चे करें ऐसा इंतजाम करना होगा क्योंकि उस समय उनका मास्क उतरा होगा। मेन गेट पर भीड़ इकट्ठा न हो।
2) बच्चों को लंच, किताब, कापियां और स्टेशनरी का आदान-प्रदान नहीं करना है।
3) जो बच्चे, शिक्षक और कर्मी कंटेनमेंट जोन में रहते हैं उन्हें स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी।
4) हेड ऑफ स्कूल आदि को यह बातें भी ध्यान में रखनी होंगी कि संस्थान के कॉमन एरिया की नियमित सफाई हो। क्लासरूम लगातार सैनिटाइज हो, एंट्री गेट पर भी सैनिटाइजेशन हो, हाथ धोने के लिए उचित तौर पर साबुन और पानी की व्यवस्था हो। बैठने की भी ठीक व्यवस्था हो। बसों आदि में भी नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन हो और कर्मियों को वैक्सीन डोज लग गई हो।

अन्य गाइडलाइन-
नियमित आधार पर छात्रों और कर्मचारियों के नमूने एकत्र करना
कक्षाओं व प्रयोगशालाओं में इस तरह से व्यवस्था करनी होगी कि कोविड-19 केदिशा-निर्देश ना टूटें।
कक्षाओं व प्रयोगशालाओं में इस तरह से व्यवस्था करनी होगी कि कोविड-19 केदिशा-निर्देश ना टूटें।
बच्चों के एक ग्रुप के स्कूल से निकलने के बाद दूसरे ग्रुप के आने के बीच एक घंटे का अंतराल जरूरी है।
बच्चे लंबे अंतराल के बाद स्कूल आ रहे हैं, लिहाजा बच्चों की काउंसलिंग की जाए।
माता-पिता की अनुमति लेना जरूरी है कि उनका बच्चा स्कूल आएगा या नहीं।

 

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