bihar-w-bengolशराबबंदी की वजह से बिहार को पहले ही चार हजार करोड़ रुपये के उत्पाद राजस्व से वंचित होना पड़ रहा है. दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित चेक पोस्ट के माध्यम से बिहार सरकार को प्रत्येक महीने करोड़ो रुपये के राजस्व का चुना लगाया जा रहा है. दालकोल चेक पोस्ट समेत पश्चिम बंगाल से जुड़े सीमांचल के अलग-अलग इलाकों से कई राज्यमार्ग गुजरते हैं. इन राज्यमार्गों पर विभागीय कर्मी एवं इंट्री माफियाओं की मिलीभगत से करोड़ों की लूट हो रही हैं. वाणिज्य कर परिवहन, उत्पाद, खनन एवं वन समेत कई तरह के राजस्वों की चोरी को रोकने के लिए बिहार सरकार ने पश्चिम बंगाल से लगने वाली अन्तर्राज्यीय सीमा दालकोला में 2007 में जांच चौकी(चेक पोस्ट) का निर्माण कराया था. उपरोक्त विभाग से संबंधित कर्मियों को सरकारी राजस्व

वसूलने के लिए इस कार्य में लगाया गया, लेकिन ठीक इसके विपरीत विभागीय कर्मियों, अधिकारियों एवं इंट्री माफियाओें के द्वारा सरकार को हर महीने मिलने वाले राजस्व के रूप करोड़ों रुपये का चुना गया जा रहा है. सीमांचल के पूर्णियां, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले की सीमा अन्तर्राज्यीय के साथ अन्तरराष्ट्रीय सीमा से भी लगती है. यह पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश द्वार भी कहलाता है.

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यहीं से राष्ट्रीय मार्ग 31, 57 एवं 327ई राज्य मार्ग गुजरता है. इन्हीं मार्गों के माध्यम से ट्रकों के द्वारा वस्तुओं की आवाजाही पुर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, नेपाल समेत बंग्लादेश तक होती है. असम का कोयला, चायपत्ती, पश्चिम बंगाल से धनिया, सरसो तेल, चॉकलेट, रेडीमेड कपडों समेत कई वस्तुओं का आना दालकोला चेकपोस्ट के माध्यम से ही बिहार में होता है. इनमें से अधिकतर ट्रक अररिया एवं जोगबनी होते हुए नेपाल भी जाते हैं. राज्य मार्ग 327ई पश्चिम बंगाल की चक्कमारी से बिहार के गलगलिया(किशनगंज) में प्रवेश करता है और अररिया में फोरलेन राष्ट्रीय मार्ग 57 में मिल जाता है. इस राज्यमार्ग से दिल्ली समेत अन्य राज्यों से सामान पश्चिम बंगाल होकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंचता हैं. राज्य मार्ग 327ई पर अक्सर ओवरलोडेड ट्रकों को देखा जा सकता है जिसे बिहार में पास कराने को लेकर चक्कमारी में इंट्री माफियों का ग्रुप सक्रिय रहता है. ठाकुरगंज एवं बहादुरगंज में सैकड़ों ईंट भट्‌ठे हैं.

जहां से ओवरलोडेड ट्रकों के द्वारा ईटों को सिल्लीगुड़ी, दार्जिलिंग समेत पूर्वोत्तर के राज्यों तक भेजा जाता है. ईंटों से भरे ओवरलोडेड ट्रकों का संचालन स्थानीय थानों की मदद से वर्षों से चल रहा था. लेकिन वर्तमान में पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्र के द्वारा थानेदारों के ऊपर सख्त तेवर की वजह से इस धंधे पर कुछ हद तक लगाम लगी है. गलगलिया में राज्य मार्ग 327ई पर कोई चेकपोस्ट नहीं है और दालकोला में चेक पोस्ट है. दालकोला चेक पोस्ट पर इंट्री माफियाओं का जमावड़ा शाम होते ही बढ़ने लगता है जिसका मुख्य केंद्र वाणिज्य कर विभाग रहता है. इनमें से कई ऐसे इंट्री माफिया हैं जिन पर दर्जनों मामले पूर्णियां के बायसी, डगरूवा, पूर्णियां सदर समेत कई थानों में दर्ज हैं, लेकिन पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया जाता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है. विगत वर्षों में दर्जनों ऐसे इंट्री माफिया हैं जो अधिकारियों की मिलीभगत से मालामाल हो चुके हैं. राज्य मार्ग 327ई अररिया, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, होते हुए गलगलिया के रास्ते दार्जिलिंग जिले में मिलता है. इस पथ पर पश्चिम बंगाल सीमा के पास कोई चेक पोस्ट नहीं है और इसी मार्ग पर बड़े पैमाने पर इंट्री टैक्स की चोरी होती है.

वहीं दालकोला में चेक पोस्ट होने के बावजूद दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में वाणिज्य कर चोरी होती है. यहां चिप्स स्टोन, हार्डवेयर, चायपत्ती, स्टील, पलास्टिक, वनस्पति तेल, समेत अनेक सामानों पर टैक्स की चोरी होती है. सिलिगुड़ी, कोलकाता एवं मालदा से बिहार आने वाली अधिकांश बसों की छतों पर चायपत्ती, दालमोट, चॉकलेट, बिस्कुट, हार्डवेयर, प्लास्टिक, श्रृंगार प्रसाधन, धनियां, इलायची, मसाले समेत कई तरह के सामान लदे होते हैं. इस बारे में नाम न छापने की शर्त पर गुलाबबाग के एक व्यवसायी ने बताया कि हम लोंगों की सेटिंग चेक पोस्ट के वाणिज्य कर विभाग से है जिससे सामान को लेकर आसानी से चेक पोस्ट पार कर लिया जाता है. वहीं काला पत्थर, कोयला, स्टील सीट आदि जैसे सामान रात के अंधेरे में चेक पोस्ट पार कर अपने स्थानों तक पहुंच जाते हैं. पुर्णिया के गुलाबबाग, कटिहार, अररिया, जोगबनी एवं फारबिसगंज में दर्जनों ऐसे ट्रांसपोर्टर हैं जिनके गोदामों में सामान को रात में ही उतार लिया जाता है. यहां तक कि गुलाब बाग के पीएस कोल्ड स्टोर को भी गोदाम का रूप दे दिया गया है. इसी प्रकार की राजस्व चोरी के एक मामले की जानकारी(डॉक्यूमेंट) चौथी दुनिया को मिली है.

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चौथी दुनिया को जो डॉक्यूमेंट मिला है उसके अनुसार श्री ट्रेडर्स किशनगंज टिन नंबर 10473114075 इनवॉयस नंबर 779, ट्रक नंबर अझ31ढउ5259 के द्वारा दिनांक 28.03.2016 को 19,900 किलोग्राम कोयला डी.एस.पी ब्रिक्स आलमनगर मधेपुरा को भेजा गया. जिसका कुल मूल्य 7000 रुपये प्रति मैट्रिक टन की दर से 1,39,300 रुपये हुआ और इसका वैट चार्ज 5 प्रतिशत की दर 6,965 रुपये हुआ. इस तरह से इनवॉयस में कुल 1,46,265 रुपये दर्ज हैं. इनवॉयस पर फार्म डी-8 का नंबर नहीं है. दूसरी तरफ इनटिग्रेटेड चेक पोस्ट दालकोला के वाणिज्य कर विभाग द्वारा जो सुविधा इनकमिंग फार्म डी-9 पर निर्गत किया गया है उसमें आवेदक का नाम श्री ट्रेडर्स सुविधा नंबर 1013270589090316, टीन नंबर 10473114075, आवेदन की तिथि 27.03.2016, वैलिडिटी दिनांक 08.04.2016, गुड्‌स कोयला, कुल मात्रा 19,900 किलोग्राम और कीमत 1,19,400 रुपये दर्ज है. कनसिजनर का नाम अग्रवाल ट्रेडर्स, टीन नंबर 18300079220, इनवॉयस नंबर 669 दिनांक 25.03.2016, डिसपैच स्थान बेलटोला गुवाहाटी असम और कनसिजनी का नाम श्री ट्रेडर्स किशनगंज का उल्लेख है. फार्म डी-9 में ट्रांसपोर्टर, ड्राइवर, लाइसेंस का स्थान खाली है जबकि ट्रक संख्या अझ31ढउ5259 है. यहां वाणिज्य कर की चोरी को लेकर जो सवाल खड़ा हो रहा है वह अपंजीकृत डीलर श्री ट्रेडर्स के इनवॉयस पर 19,900 किलोग्राम कोयले का मूल्य 1,39,300 रुपये और 5 प्रतिशत इंट्री टैक्स जोड़ने पर 1,46,265 रुपये का उल्लेख है, तो वहीं सुविधा इनकमिंग डी-9 पर 19,900 किलोग्राम कोयले का मूल्य 1,19,400 रुपये वाणिज्य की तरफ से दिखाया गया है. इसे देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि चेकपोस्ट पर विभागीय और इंट्री माफियाओं की मिलीभगत से राजस्व की चोरी का खेल चल रहा है. इस संबंध में जब हमने दालकोला चेकपोस्ट पर तैनात प्रभारी डीसी प्रेम रंजन से बात करने की कोशिश की तो वह अपने सहयोगियों का साथ हमसे ही उलझ पड़े. परिवहन विभाग के कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. पूर्णिया स्थित वाणिज्य कर उपायुक्त से कई बार इस संंबंध में बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.

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