weddingसम्प्रदायिक सद्भावना और जातीय भाईचारा का मिसाल बन गया है मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम ‘विवाह हो तो ऐसा’. जिले में ऐसा पहली बार हुआ है जहां एक ही मंच पर एक साथ 52 हिन्दू-मुस्लिम कन्याओं का विवाह और निकाह सम्पन्न हुआ. जाति-धर्म के सभी बंधनों को छोड़ जहां वेद की ऋृचाओं का पाठ हो रहा था वहीं कुरान की आयतें पढ़ी जा रही थीं. हजारों की भीड़ इस अद्भुत विवाह और निकाह के साक्षी बनी. नगदाहां सेवा समिति द्वारा आयोजित ‘विवाह हो तो ऐसा’ कार्यक्रम जिले ही नहीं पूरे बिहार के लिए मील का पत्थर बनकर साम्प्रदायिक और जातीय सौहार्द का संदेशवाहक बन गया है.

दर्जनों घोड़े, हाथी, गाजे-बाजे के साथ हजारों बारातियों के साथ रथ पर सवार 52 दूल्हों को लेकर बारात नगदाहां सेवा समिति के कार्यालय राजा बाजार से निकली. पूरे शहर में उत्सव का माहौल था. नाचते-गाते बारात विवाह स्थल जिला स्कूल के प्रांगण में पहुंची. बारात की अगुआई समिति के संस्थापक अध्यक्ष मुन्ना गिरि, उपाध्यक्ष प्रभास प्रताप सिंह, रवि नारायण राय, चन्द्रकिशोर मिश्र, निर्मला सहनी, डॉ. उमेश चन्द्रा सहित जिले के गणमान्य लोग कर रहे थे.
जिला स्कूल के विशाल मैदान में तिल रखने की जगह नहीं थी. बीस हजार से ज्यादा लोग वर-वधुओं को आशीर्वाद देने और सामूहिक विवाह के अद्भुत दृश्य को देखने को रोमांचित थे. सबसे पहले 52 वर-वधुओं ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई.

इस विहंगम दृश्य को देख लोग रोमांचित हो उठे और फूलों की वर्षा कर आशीर्वाद दिया. इसके बाद 10 मुस्लिम जोड़ों का जामा मस्जिद के मौलवी हाफिज मुबारक हुसैन ने 11,786 रुपये की हक-मेहर की रकम पर निकाह कुबूल कराया. उसके बाद 42 वेदियों पर 42 जोड़े वर-वधुओं की वैदिक मंत्रोच्चा के बीच शादी कराई गई. अग्नी को साक्षी रख कर वर-वधु जब सात फेरे ले रहे थे तो देखते ही बनता था. हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं की आंखें नम थीं जैसे उनकी बेटी की विदाई हो रही हो.

विवाह सम्पन्न होने के पश्चात राजा बाजार स्थित समिति के कार्यालय में भोज आयोजित किया गया और वहीं से विदाई की गई. प्रत्येक जोड़ी को गृहस्थी चलाने के लिए आवश्यक सामग्री भेंट की गई जिसमें कपड़ा, रजाई, बिस्तर, गैस स्टोव, बक्सा, लालटेन, श्रृंगार बक्सा, साबुन-तेल, सोलहों श्रृंगार की सामग्री, कलाई घड़ी, मिठाई, रेडियो, साइकिल आदि शामिल हैं.

पूरे कार्यक्रम का सफल संयोजन एवं संचालन समिति के संयोजक एवं पत्रकार राकेश कुमार और प्रेस क्लब के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर गौतम उर्फ मुकेश चौधरी ने की. प्रवक्ता रिपुसूदन तिवारी उद्घोषक के रूप में सराहे गये. सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रभार रवीश मिश्रा ने बखूबी निभाया. कामेश्वर ठाकुर, मुन्ना तिवारी को भोजन व्यवस्था का प्रभार था जबकि 52 कन्याओं को सजाने-संवारने का काम बबिता श्रीवास्तव, प्रतिभा षर्मा, खुश्बू त्रिवेदी, नीलम सिंह, सविता श्रीवास्तव ने किया.
वहीं कार्यक्रम के दौरान गणमान्यों एवं समिति के वरिष्ठ संरक्षकों को सम्मानित किया गया.

जिनमें एसएसबी कमांडेंट राकेश सिन्हा, अपर समाहर्ता, प्रख्यात स्त्री रोग विषेशज्ञ डॉ. स्वास्ति सिन्हा, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. ओमप्रकाश, ढाका के पूर्व विधायक पवन जायसवाल, भाजपा नेता राजेन्द्र गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील मणि तिवारी, राजद जिलाध्यक्ष सुरेश यादव, प्राचार्य कर्मात्मा पाण्डेय, समिति के संरक्षक रवि नारायण राय, सत्पाल सिंह छाबड़ा, चन्द्रकिशोर मिश्र, अमित सेन, धर्मवीर प्रसाद, प्रह्लाद गिरि, प्रो अरुण कुमार, अभय श्रीवास्तव शामिल थे.

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