election results 2018

मध्यप्रदेश : कांग्रेस – 114 (वोट शेयर 41%), भाजपा – 109 (वोट शेयर 41%)
राजस्थान : कांग्रेस – 101 (वोट शेयर 41%), भाजपा – 73 (वोट शेयर 39%)
छत्तीसगढ़ : कांग्रेस – 68 (वोट शेयर 43%), भाजपा – 15 (वोट शेयर 33%)
तेलंगाना : टीआरएस – 88 (वोट शेयर 47%), कांग्रेस – 19 (वोट शेयर 28%)
मिजोरम : एमएनएफ – 26 (वोट शेयर 38%), कांग्रेस – 5 (वोट शेयर 30%)
(पांचों राज्य की दो बड़ी पार्टियों के नतीजे)

मोदी लहर किस कदर देश में कम हुई और मौजूदा केन्द्र सरकार के प्रति लोगों में किस कदर नाराजगी है, इसका प्रमाण 11 दिसंबर को आए 5 राज्यों के नतीजों में साफ नजर आए. 15-15 साल से जिन राज्योंं में भाजपा जमी थी, वहां के मंत्रियों तक को करारी हार देखनी पड़ी. वहीं राजस्थान में लोकतंत्र में रोटेशन बने रहने का बढि़या उदाहरण देखने को मिला. तेलंगाना और मिजोरम में तो भाजपा बस खाता ही खोल पाई. मध्यप्रदेश में देर रात तक मतगणना जारी रही और पूरी रात दोनों पार्टी के नेताओं ने रतजगा करके बिताई. वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे ने राज्य पाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. तीनों ही राज्यों में कांग्रेस सीएम पद के उम्मी‍दवार के नाम चुनने में जुटी हुई है. इसके साथ ही देश में 5 राज्यों में कांग्रेस की और 12 राज्यों में भाजपा की सरकार बची है. सबसे रोचक चुनाव मप्र का रहा, जहां पूरा दिन असमंजस में बीता और आखिर तक किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया. कांग्रेस ही वहां सबसे बड़ी पार्टी है और बहुमत से केवल 2 सीट पीछे रही.

यह भी पढें : मध्य प्रदेश: पूरे दिन कांटे की टक्‍कर रही “कमल” और “कमलनाथ” में

मंत्री तक नहीं बचा सके सीटें

मध्यरप्रदेश में 31 में से 14 मंत्री हारे. राजस्थाडन में 30 में से 20 मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा. छत्तीीसगढ़ में जिन 4 जगहों पर मोदी ने रैलियां कीं वहां 12 में से 7 मंत्री हार गए. जाहिर है यदि जनता का रूख यही रहा तो तीन महीने बाद होने जा रहे लोकसभा चुनावों में भाजपा को करीब 120 सीटों का नुकसान हो सकता है.
भाजपा को हराएंगे, पर मिटाएंगे नहीं जीत को राहुल ने जिस विनम्रता से स्वीाकार किया, उसने लोगों का दिल जीत लिया. मंगलवार शाम को ली गई प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि ‘तीनों राज्योंा के मुख्यंमंत्रियों का आभार जिन्हों ने अपने राज्योंल को यहां तक पहंुचाया. अब हम उनके काम को आगे ले जाएंगे. हम भाजपा से लड़ेंगे जरूर, लेकिन उसे मिटाने की बात नहीं करेंगे. मैंने मोदीजी को देखकर ही सीखा है कि क्याा नहीं करना चाहिए? 2014 की हार के बाद मैंने विनम्रता सीखी है.’ इस दौरान मध्येप्रदेश्‍ के मुख्यामंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैंने कमलनाथजी को शुभकामनाएं दे दी हैं और अब मैं मुक्त हूं.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here