विधानसभा चुनाव से पहले चौथी दुनिया ने टैरो कार्ड और ज्योतिषीय गणना के माध्यम से चुनाव परिणाम और चुनाव से संबंधित नेताओं की भविष्यवाणी की थी. मशहूर टैरो कार्ड रीडर अलंकृता मानवी और ज्योतिषी डॉ. कुमार गणेश ने चौथी दुनिया के लिए लिखे गए कॉलम में विधानसभा चुनाव परिणामों का आकलन किया था. हम आपको बता रहे हैं कि ये भविष्यवाणी क्या थी, जो बिल्कुल सटीक साबित हुई है.

taro cardमशहूर टैरो कार्ड रीडर अलंकृता मानवी ने उत्तर प्रदेश के बारे में बताया था कि यहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कार्ड (तारा द वर्ल्ड कार्ड) न्यूट्रल कार्ड है, जो इनके मुख्यमंत्री बनने के अवसर को काफी कम कर देता है. इनका एक कार्ड ओल्ड मैन कार्ड भी था, जो बताता है कि नकारात्मकता की वजह से ही घर में पिता के साथ झगड़ा हुआ, इसका भी बुरा असर पड़ेगा. मायावती के बारे में इन्होंने बताया था कि इनका कार्ड (मिसफॉर्च्यून कार्ड) इस चुनाव में इनके लिए डाउनफॉल दिखाता है.

चुनाव परिणाम से भी यह बात सही साबित हुई. केशव मौर्या के लिए मदर कार्ड आया था, जो इनके लिए अच्छा संकेत दे रहा था. अलंकृता मानवी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के चुनावी तस्वीर में बने रहने के लिए इन्हें काफी मेहनत करने की जरूरत थी, जो इन्होंने की भी. कार्ड के मुताबिक इनका भविष्य अच्छा है. राजनाथ सिंह के लिए इन्होंने बताया था कि इनका कार्ड, जिसे व्हील ऑफ फॉर्च्यून कार्ड कहते हैं, इनके लिए शुभ संकेत दे रहा है. उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद इनमें सुखद बदलाव आएगा. राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश में सामने आ सकते हैं.

पंजाब चुनाव के लिए अलंकृता मानवी ने बताया था कि प्रकाश सिंह बादल का कार्ड लिमिटेशंस बता रहा है और यह चुनाव उनके लिए फायदेमंद नहीं होने जा रहा है. परिणाम से भी यह अनुमान सच साबित हुआ. सुखबीर सिंह बादल का कार्ड आया था पिग कार्ड. यह एक नकारात्मक कार्ड है, जिसकी वजह से यह अनुमान लगाया गया था कि सुखबीर सिंह बादल हाल-फिलहाल मुख्यमंत्री तो नहीं ही बन पाएंगे और ऐसा हुआ भी. कैप्टेन अमरिंदर सिंह के लिए फिलिंग कार्ड आया था, जो बता रहा था कि इनकी छवि में सुधार आएगा, उन्हें इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी.

मुख्यमंत्री पद की बात करें, तो कह सकते हैं कि इनके अवसर सकारात्मक हैं. ये अनुमान भी सच साबित हुआ. नवजोत सिंह सिद्धू के लिए डाउनफॉल कार्ड आया था. अलंकृता मानवी ने बताया था कि इनके लिए आगे कुछ बहुत अच्छा नहीं होने जा रहा है. अब परिणाम भले ही कांग्रेस के पक्ष में आया है, लेकिन वे जो चाहते थे वो उन्हें नहीं मिला. अरविंद केजरीवाल का कार्ड लिमिटेशन कार्ड था, जिसके अनुसार बताया गया था कि जैसा परिणाम वे सोच रहे हैं, वैसा होगा नहीं. इनके लिए एक स्पष्ट जीत के आसार नहीं दिख रहे हैं. चुनाव परिणाम में यह सच साबित हुआ.

मनोहर पर्रिकर के कार्ड का नाम था, जस्टिस कार्ड. इस कार्ड के अनुसार बताया गया था कि वे जितना अच्छा काम करेंगे, उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा और उन्हें परिणाम मिला भी. उन्हें गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया है. गोवा में अरविंद केजरीवाल के लिए डाउनफॉल कार्ड था, जिसका असर चुनाव परिणाम में भी दिखा. यहां आप का खाता तक नहीं खुला. मणिपुर में भाजपा के नाम से फाइव ऑफ ज्वेल्स कार्ड आया था, जिसके अनुसार बताया गया था कि मणिपुर में पार्टी का भविष्य अच्छा है.

राष्ट्रीय नेताओं की बात करें, तो नरेंद्र मोदी के लिए एलीफैंट कार्ड आया था, जिसके अनुसार बताया गया था कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी की ताकत में इजाफा होगा. जाहिर है, ऐसा हुआ भी. राहुल गांधी का कार्ड बता रहा था कि वे भावनात्मक रूप से कमजोर हुए है. उन्हें ऐसा लग रहा है कि सब कुछ अच्छा हो रहा है या होगा, लेकिन अंत में परिणाम अच्छा नहीं निकलेगा. जाहिर है, चुनाव परिणामों से यह सही भी साबित हुआ. प्रियंका गांधी का कार्ड बता रहा था कि इन्हें वरिष्ठ लोगों से सलाह लेने की जरूरत है. अभी भी इनमें परिपक्वता की कमी है. अमित शाह का जो कार्ड था, उसके मुताबिक उन्हें कुछ मजबूत, कठोर और प्रमुख निर्णय लेने थे. जाहिर है, उन्होंने ऐसे निर्णय लिए भी, जिसका असर चुनाव परिणामों में दिखा.

ज्योतिषीय गणना भी सच साबित हुई

डॉ. कुमार गणेश ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के चमत्कारिक प्रदर्शन की बात कही थी, जो पूर्णत: सच साबित हुई. उनकी गणना से स्पष्ट था कि उत्तर प्रदेश में फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनती नहीं दिख रही है. इस सरकार को विदा होना होगा. एक लंबे अर्से बाद भाजपा चमत्कारिक प्रदर्शन कर नंबर एक के स्थान पर बैठती दिख रही है. इसलिए उत्तर प्रदेश के सिंहासन पर इस बार नया मुख्यमंत्री देखने को मिल सकता है.

पंजाब के लिए इन्होंने कहा था कि इस बार कांग्रेस की बल्ले-बल्ले रहेगी और ऐसा हुआ भी. इन्होंने कहा था कि पंजाब में इस बार चुनाव त्रिकोणीय है. सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन व कांग्रेस के बीच कूद कर आम आदमी पार्टी ने इस बार के दंगल को बहुत दिलचस्प बना दिया है. इस बार पंजाब की सत्ता का चेहरा बदलने जा रहा है.

दस बरसों से लगातार सत्ता में रहने वाला अकाली-भाजपा गठबंधन सत्ता से बाहर होगा और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सत्ता पर काबिज होने के सबसे नजदीक रहेगी. मणिपुर के लिए इन्होंने कहा था कि यहां इस बार त्रिशंकु विधानसभा होगी. इस त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है. भारतीय जनता पार्टी इस राज्य में पहली बार भारी-भरकम जीत दर्ज करने जा रही है. गोवा में भी इन्होंने त्रिशंकु विधान सभा की बात कही थी.

 

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