pk-1बिहार के मुंगेर ज़िले के नक्सल प्रभावित हवेली खड़गपुर प्रखंड का खैरा गांव फ्लोराइड युक्त जल के इस्तेमाल से हो रही विकलांगता के चलते इन दिनों सुर्खियों में है. साढ़े चार वर्ष पूर्व सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद खैरा गांव आए थे. पूर्वी रमनकाबाद पंचायत के खैरा गांव के लोगों के लिए जल जीवन नहीं, मौत बन गया है. फ्लोराइड युक्त जल पीने से कई लोग अपंग हो गए, तो कई असमय काल के गाल में समा गए. तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीणों को फ्लोराइड के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए पांच जून, 2010 को अपनी विश्‍वास यात्रा के दौरान करोड़ों रुपये की लागत वाली जलापूर्ति योजना का शिलान्यास भी किया था. उक्त योजना के अनुसार, खड़गपुर झील से खैरा तक शुद्ध पेयजल ग्रामीणों को एक वर्ष के भीतर उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते झील का पानी आज तक खैरा गांव नहीं पहुंच सका.

नतीजतन, खैरा के लोग फ्लोराइड युक्त जल का इस्तेमाल पीने के लिए करने को विवश हैं. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए खड़गपुर झील परिसर में पुजलाइट कंपनी द्वारा कार्य शुरू होना था. लगभग 25 करोड़ 27 लाख रुपये की इस योजना पर आपसी विवाद के चलते ग्रहण-सा लग गया है. कई महीने से काम बंद चलने की वजह से वहां मौजूद सामान पर चोरों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है, काफी सामान चोरी भी हो चुका है.खैरा निवासी गौरी देवी, करुणेश कुमार, संजीव कुमार, कन्हैया लाल, नारायण मंडल, सरिता देवी, रूपा देवी एवं किरण देवी ने बताया कि वे फ्लोराइड युक्त जल पीने को विवश हैं. उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीण कहते हैं कि यदि शुद्ध पेयजल जल्द मुहैया नहीं कराया गया, तो सारे लोग विकलांग हो जाएंगे. बीते 31 दिसंबर को ग्रामीणों ने इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग को लेकर प्रखंड एवं अंचल कार्यालय का घेराव किया. लक्ष्मण प्रसाद सिंह, प्रखंड प्रमुख गौरी देवी एवं मुखिया अनामिका सिन्हा के नेतृत्व में लोगों ने शुुद्ध पेयजल मुहैया करो-नीतीश कुमार का संकल्प पूरा करो और जल ही जीवन है, फिर भी क्यों हम लोगों के लिए अभिशाप है आदि नारे लगाते हुए अनुमंडल पदाधिकारी को अपना ज्ञापन सौंपा. स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वे के मुताबिक, 2010 में ही खैरा गांव के 70 लोग विकलांग घोषित किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि स़िर्फ काली सूची में डाल देना समस्या का समाधान नहीं है. उक्त दोनों कंपनियों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए. मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से खैरा के मामले की समीक्षा करेंगे.

खैरा गांव में जल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा के कारण लोग विभिन्न शारीरिक विकृतियों के शिकार हो रहे हैं. हड्डियों से संबंधित कई दिक्कतें सामने आ रही हैं. लोग समय से पहले बूढ़े लगने लगे हैं. रीढ़, गर्दन, हाथ, पैर की हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी और कमज़ोर हो जाती हैं. खड़े होने, चलने, दौड़ने या बोझ ढोने में कठिनाई होती है. हड्डियों, गर्दन एवं जोड़ों में तेज दर्द रहता है. फ्लोराइड के असर के चलते दांत स्थायी रूप से गंदे और पीले हो रहे हैं. इससे बच्चे ज़्यादा पीड़ित हैं. यह बीमारी आठ-नौ वर्ष की उम्र से दिखने लगती है. खैरावासियों के प्रदर्शन की धमक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के कानों तक भी पहुंची. अपने दो दिवसीय दौरे पर जब मांझी मुंगेर आए, तो अगले दिन यानी बीती तीन जनवरी को ज़िला परिषद के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने खैरा की खोज-ख़बर ली. मुंगेर के ज़िला पदाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि समय पर काम पूरा न किए जाने के कारण इस योजना से जुड़ी दो कंपनियों जिंदल और पुजलाइट को काली सूची में डाल दिया गया है.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि स़िर्फ काली सूची में डाल देना समस्या का समाधान नहीं है. उक्त दोनों कंपनियों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए. मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से खैरा के मामले की समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि आगामी पांच मार्च तक हर हाल में खैरा के लोगों को शुद्ध पेयजल मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री मांझी ने अधिकरियों से कहा कि वे स़िर्फ सरकार की नौकरी करके औपचारिकता न निभाएं, भगवान से डरें और ईमान कायम रखें. उन्होंने कहा कि लोग विकलांग हो रहे हैं और आप मानवता भूले जा रहे हैं. समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीकेे ठाकुर, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, ज़िलों के प्रभारी सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त सुनील कुमार सिंह के साथ-साथ मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई एवं शेखपुरा के ज़िला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, सूचना एवं जनसंपर्क मुंगेर प्रमंडल के उपनिदेशक कमलाकांत उपाध्याय, राज्य के पर्यटन मंत्री सह मुंगेर के प्रभारी मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी, विधायक अनंत सत्यार्थी, नीता चौधरी एवं शैलेश कुमार ने हिस्सा लिया.

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