benchबिहार के किसी सरकारी विभाग की बात करें, हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है. इन्हीं में से एक है शिक्षा विभाग. प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और भवन निर्माण के नाम पर मिली राशि के बंदरबांट की खबरें अक्सर आती रहती हैं. अब इन स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच-डेस्क खरीद में भी घोटाला सामने आया है. गया जिले के 1394 मिडिल स्कूलों में बेंच-डेस्क खरीद के लिए 8 करोड़ 28 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई थी.

गया जिले के प्राथमिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान का ऑडिट करने पंहुची कैग की टीम ने भी मिडिल स्कूलों में खरीदे गए बेंच-डेस्क के मामले में आपत्ति दर्ज की है. सीमेंट और छड़ बेचने वाले दुकानों तथा अनेक फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपए के बेंच-डेस्क खरीद कर सरकारी राजस्व को हानि पंहुचाई गई. इस घोटाले का पता तब चला, जब फर्म के असली मालिक को सेल टैक्स विभाग का नोटिस मिला. वित्तीय वर्ष 2015-16 में बिहार शिक्षा परियोजना के अंतर्गत गया जिले के 1394 मिडिल स्कूलों को बेंच-डेस्क खरीदने के लिए 8 करोड़ 28 लाख रुपए दिए गए.

बिहार शिक्षा समिति के द्वारा चयनित स्कूलों में 19 सेट बेंच-डेस्क की खरीदारी की गई. मिडिल स्कूल के हेडमास्टरों द्वारा विभिन्न फर्मों का फर्जी बिल बनाकर उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा कर दिया गया. सेल टैक्स विभाग ने विष्णु स्टील स्टोर, गया समेत दर्जन भर फर्मों को वैट जमा करने की नोटिस भेजी. इस नोटिस पर विष्णु स्टील स्टोर के मालिक विपतलाल साव ने गया के डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान को लिखित शिकायत भेजी. तब इस घोटाले का भंडाफोड़ हो सका.

गया जिले के विभिन्न प्रखंडों के 5 मिडिल स्कूलों ने विष्णु स्टील स्टोर के नाम पर फर्जी बिल जमा किया है. 19 सेट बेंच-डेस्क के लिए 50 हजार 222 रुपए का बिल दिया गया है, जिसका वैट 6 हजार 777 रुपए होता है. विष्णु स्टील स्टोर के मालिक ने कहा कि मेरे फर्म के नाम से जाली बिल दिया गया है. बिल पर न तो उनका हस्ताक्षर है और न तो फर्म के किसी कर्मचारी का. अभी तक 8 करोड़ 28 लाख के बेंच-डेस्क खरीद में 32 फर्मों के नाम से मात्र डेढ़ करोड़ के खरीद का बिल दिया गया है.

जांच के दौरान अधिकतर बिल फर्जी पाए गए. बताया जाता है कि यह खरीदारी हेडमास्टरों को करनी थी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव डालकर एक फर्म के मालिक ने गया जिले के 1394 मिडिल स्कूलों में विभिन्न फर्मों के नाम से आपूर्ति कर दी. कुछ स्कूलों के हेडमास्टरों ने अधिकारियों के दबाव में बिना बेंच-डेस्क आपूर्ति किए आपूर्ति दिखा दिया. इस मामले में गया  के जीबी रोड स्थित एक फर्म के मालिक का नाम सामने आया है. सौंपे गए फर्जी बिल में औरंगाबाद जिले के कई फर्मों के नाम पर फर्जी बिल जमा किया गया है.

गया जिले के आमस प्रखंड के 35, अतरी के 32, बथानी के 43, बेलागंज 72, बोधगया 58, डोभी 46, डुमरिया 59, फतेहपुर 71, गुरारू 48, गुरुआ 67, मानपुर 48, मोहनपुर 63, मोहड़ा 46, नगर प्रखंड 46, नगर निगम 57, परैया 43, शेेरघाटी 38, टनकुप्पा 43, टिकारी 98 और वजीरगंज प्रखंड के 75 स्कूलों में बेंच-डेस्क की खरीदारी की गई है. कैग की टीम द्वारा गया जिले के सभी प्रखंडों के प्राइमरी व मिडिल स्कूलोें का ऑडिट किया जा रहा है. अधिकतर स्कूलों ने कैग की टीम के सामने अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए हैं.

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