आजकल टेक्नोलॉजी काफी आगे निकल गई है. बाज़ार में ऐसे गैजेट्स आ गए हैं, जो आपके दिल की बात और मूवमेंट को समझ जाएंगे कि आप क्या करना चाहते और क्या नहीं करना चाहते हैं. आज आदमी अपनी व्यस्त ज़िंदगी में गैजेट्स के ऊपर ही निर्भर रहने लगा है. देखिए, जैसे आप कभी ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी और टेलीफोन स्टेटस सिंबल माने जाते थे, वहीं आज एलईडी टीवी भी सामान्य माना जाने लगा है. आज जिस टेक्नोलॉजी को आप लेटेस्ट मानते हैं, कल वही पुरानी और समय से पिछड़ी मानी जाती है. आज टचस्क्रीन मोबाइल, लैपटॉप और टैबलेट कूल गैजेट्स कहे जाते हैं, लेकिन क्या आने वाले समय में भी स्थिति यही रहेगी? कभी सोचा है कि आने वाले सालों में हमारी दुनिया कैसे-कैसे गैजेट्स और टेक्नोलॉजी से भरी होगी? अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के मीडिया लैब में 20 से भी ज़्यादा स्टूडेंट्स ग्रुप हैं, जो कम्प्यूटिंग, स्पीच टेक्नोलॉजी, मीडिया, फ्लयूड इंटरफेस, रोबोटिक्स जैसी फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं.
सिक्स-फोर्टी बाई फोर-एट्टी
फिजिकल ट्यूब्स के अंदर के रंगों को डिजिटली ट्रांसफर कर सकता है. सिक्स-फोर्टी बाई फोर-एट्टी एक लाइट इंस्टॉलेशन है, जिसमें 220 पिक्सेल टाइल्स है. हरेक टाइल में एक सर्किट बोर्ड, कंट्रोलर, एक छोटी-सी बैटरी, एक आरजीबी एलईडी और एक वायरलेस कम्यूनिकेशन सिस्टम होता है.
किसी एक क्यूब को छूने पर इसका रंग बदल जाता है. पर यदि आप इसी क्यूब को थोड़ी देर तक छू कर रखते हैं और फिर किसी दूसरी क्यूब को टच करते हैं, तो पहले वाले क्यूब का रंग दूसरे वाले क्यूब में ट्रांसफर हो जाएगा.
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