हीरेंद्र झा                                                             

तकरीबन चार महीने के सन्नाटे के बाद मनोरंजन जगत में सुगबुगहाहट होने लगी है। कुछ सीरियलों की शूटिंग भी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कोरोना संकट के बाद शूटिंग के दौरान सेट पर कई तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं। सेट पर माहौल कैसा है, ब्रेक के बाद काम पर लौट कर सितारे कैसा महसूस कर रहे हैं। यही सब समझने के लिए हमने बात की छोटे पर्दे की चर्चित अभिनेत्री सोनिया शर्मा से। सोनिया शर्मा इन दिनों सब टीवी पर प्रसारित होने वाले हास्य धारावाहिक ‘तेनाली राम’ की शूटिंग कर रही हैं। शो में  उनका किरदार चिन्ना देवी का है जो राजा कृष्ण देव राय की पहली पत्नी थीं। इस शो के साथ सोनिया 2017 से जुड़ी हुई हैं। सोनिया जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही संवेदनशील भी हैं। सूरत और सीरत दोनों से भली सोनिया ने अपनी प्रतिभा, लगन और मेहनत से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आधा दर्ज़न टीवी सीरियलों में अपने अभिनय से सबका दिल जीत चुकी सोनिया अब फ़िल्मों में भी सक्रिय हैं। हाल ही में आई उनकी फ़िल्म ‘पगले आज़म’ ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया। प्रस्तुत है लेखक और पत्रकार हीरेंद्र झा से अभिनेत्री सोनिया शर्मा की यह बातचीत-

हीरेंद्र: चार महीने के बाद सेट पर लौटकर कैसा महसूस कर रही हैं, वहाँ किस तरह का माहौल है?
सोनिया शर्मा: मैंने अपनी आखिरी शूटिंग जनवरी-फरवरी में ही की थी। उसके बाद कई तरह के काम तो कर रही थी पर शूटिंग से दूर हो गई थी। लेकिन, शुक्र है लॉक डाउन के बाद अब ज़िंदगी पटरी पर लौटने लगी है। मैंने सेट को बहुत मिस किया था। लंबे अंतराल के बाद सेट पर पहुँच कर अच्छा महसूस कर रही हूँ। बहुत मज़ा आ रहा है। सेट पर काफी बदलाव भी महसूस कर रही हूँ। हम लोग अब सेट पर जितनी बार हाथ धो रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं किया था। यूनिट में भी सपोर्टिंग स्टाफ की संख्या काफी कम हो गई है, ऐसे में सभी एक्टर्स को अपना ज्यादातर काम खुद से करना पड़ता है। पहले कलाकार जितने नखरे दिखाते थे अब वो सब एक दूसरे को काफी सहयोग कर रहे हैं। सोशल डिस्टेनसिंग के नियम की वजह से गॉसिप भी लोग अब कम करते हैं। लोग जागरूक हुए हैं। कोरोना के कुछ पॉजिटिव तो कुछ नेगेटिव प्रभाव भी हैं पर कुल मिलाकर कहूँ तो लोग अब ज्यादा फोकस्ड और एलर्ट हुए हैं।


हीरेंद्र: लॉकडाउन के इन चार महीनों में अपना मनोबल किस तरह से बनाकर रखा आपने?
सोनिया शर्मा: इस लॉक डाउन को अगर पॉजिटिव तरीके से देखें तो लंबे समय के बाद इतना समय मिला था हम सबको। मैंने इस समय का पूरा इस्तेमाल किया। अपने दोस्तों, नाते-रिश्तेदारों को खोज-खोज कर सबसे बात की। घंटों हम फोन और वीडियो कॉल के जरिए एक दूसरे से जुड़ पाए। मैं सोशल मेडिया लाइव के जरिए अपने सभी फैंस से भी जुड़ी। उनके सवालों का भी जवाब देती। किसी फैन ने कहा कि अपना रूटीन आप हमसे शेयर कीजिए तो मैंने अपने वर्क आउट के वीडियोज़ बनाकर यू ट्यूब पर शेयर किये। तो यह एक अच्छा समय था आपसी संवाद का। इनबॉक्स के संदेशों के जवाब देने का। जितने लोगों की जिस तरह से भी मदद कर सकती थी, वो भी करने की कोशिशें करती रही। मैं अपनी बात करूँ तो कुल मिलाकर काफी अच्छा समय बीता। मैंने नए तरीके से खुद को इन्वेन्ट किया। ऐसे में मनोबल तो बढ़ा ही रहता था। लेकिन, हर तरफ से लगातार बुरी ख़बरें आ रही थीं। सुसाइड की ख़बरें, मजदूरों के घर लौटने की ख़बरें। यह सब काफी दर्दनाक था।

हीरेंद्र: कई स्टार्स के सुसाइड की ख़बर आई, इस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
सोनिया शर्मा: देखिए, इंडस्ट्री में ऐसा है कि या तो आप किसी लॉबी का हिस्सा होते हैं या अकेले हो जाते हैं। ऐसे में खुद को संभालना, सहेजना और बचाना लेना एक बड़ी चुनौती है। दुख होता है लेकिन, टूटकर बिखरना नहीं चाहिए। ज़िंदगी आज नहीं तो कल फिर आपको मौका देगी लेकिन, अगर आपने ज़िंदगी को ही खत्म कर लिया तो फिर आप क्या पाएंगे? कोरोना का संकट एक ऐसा संकट था जिसके बारे में किसी ने कभी सोचा भी नहीं था, कोई तैयारी नहीं थी। आर्थिक रूप से, मानसिक रूप से हर तरह से यह हौसला तोड़ रहा था, ऐसे में आसान नहीं था कुछ। मेरे पास सोशल मीडिया पर ऐसे-ऐसे दर्द भरे मैसेजेज आते रहे कि मैं भी मानसिक रूप से काफी डिस्टर्ब हो जाती थी। मुझे इस बात का संतोष है कि जितना बन पड़ा मैंने सभी की मदद करने की कोशिश की। और मैं आज भी उन सभी के लिए प्रार्थना कर रही हूँ।

हीरेंद्र: अगर आपके अभिनय यात्रा की बात करें तो शुरुआत कहाँ से हुई आपकी?
सोनिया शर्मा: कहानी चंद्रकांता की, यह शो 2011 में प्रसारित हुई। वहाँ मैंने एक किरदार निभाया था और वहीं से कह सकते हैं मेरा सफर शुरू हुआ। फिर कलर्स टीवी पर वीर शिवाजी में काम किया, जिसमें मैं उनकी पहली पत्नी की भूमिका में थी। उस किरदार के लिए मुझे काफी सराहना मिली। उसके बाद कई तरह के शॉर्ट फ़िल्मों से जुड़ी रही और अब तीन साल से तेनाली राम के साथ जुड़ी हुई हूँ। इसके अलावा सोनी टीवी के शो विघ्नहर्ता गणेश के साथ जुड़ी हुई हूँ। इस बीच मेरी एक कॉमेडी मूवी ‘पगले आज़म’ भी आई। बहुत छोटी सी है यात्रा अभी। अभी सफ़र लंबा है। तसल्ली बस यही है कि जो सब मैं बचपन से टीवी पर देखा करती थी, वो सब अब जीने का मौका मिल रहा है।


हीरेंद्र: अभिनय की तरफ झुकाव कैसे हुआ आपका?
सोनिया शर्मा: सच कहूँ तो शुरू से मेरे मन में एक ही सपना था कि मुझे आईपीएस ऑफिसर बनना है। लेकिन, घर का माहौल कुछ ऐसा था कि लड़कियों के लिए काम करना आज भी सही नहीं माना जाता। मैं अपने परिवार की पहली लड़की हूँ जिसने घर से बाहर निकलकर काम करना शुरू किया। आईपीएस ऑफिसर तो मैं नहीं बन पाई लेकिन, मुझे एक न्यूज चैनल से जुड़ने का मौका मिला और मैंने यह महसूस किया कि जो काम एक आईपीएस ऑफिसर नहीं कर सकता वो काम मैं एक जर्नलिस्ट के रूप में भी कर सकती हूँ। उसके बाद मैं ज़ी न्यूज, स्टार न्यूज जैसे बड़े संस्थान में रही। फिर मुंबई आ गई और यहाँ भी न्यूज चैनल में काम करते हुए मेरा ध्यान अभिनय और फ़िल्म मेकिंग की तरफ गया और फिर मेरे करियर की दिशा बदल गई। उससे पहले मैं शाह रुख ख़ान से लेकर दीपिका पादुकोण तक का इंटरव्यू कर चुकी थी लेकिन, मैं ये नहीं जानती थी कि मैं भी एक दिन एक्टिंग की दुनिया में आ जाऊँगी।

हीरेंद्र: आपने कोई कोर्स किया है एक्टिंग का?
सोनिया शर्मा: नहीं। मेरी एक ही ताकत है कि मैं सभी को बहुत ही अच्छे से ऑब्जर्व करती हूँ। चाहे वो एलिट क्लास हो या फिर मिडिल क्लास या फिर लोअर क्लास। जब मैं लोगों को गौर से देखती हूँ, उनके रहन-सहन और बोलने के तरीके को समझती हूँ तो यही मेरी ट्रेनिंग है। जब भी मुझे कोई किरदार निभाना होता है तो मैं उन्हीं अनुभवों को समेटकर उस किरदार को निभा जाती हूँ। वो मेरे भीतर नेचुरली कहीं बसता है। कुछ लोग इसे गॉड गिफ्टेड भी कहते हैं।

हीरेंद्र: क्या इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए समझौते करने पड़ते हैं? मी टू की बहुत बात होती है?
सोनिया शर्मा: मेरा अनुभव यही है कि आपकी मर्जी के बिना यहाँ कुछ नहीं होता। आपकी मर्ज़ी के बिना आपको कोई छू भी नहीं सकता यह आप तय करती हैं कि आपके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाए। अगर आप खुद समझौते करना चाहें तो कौन रोकेगा आपको? कई लोग लड़कियां ही नहीं लड़के भी आगे बढ़ने के लिए समझौते कर रहे हैं और खुशी-खुशी कर रह हैं। लेकिन, ऐसे भी लोग हैं जो सिर्फ़ अपने काम और प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ रहे हैं। तो यह आपका चुनाव है कि आप क्या चुनते हैं!

हीरेंद्र: आपका कोई रोल मॉडल?
सोनिया शर्मा: कोई नहीं। सब अपना काम कर रहे थे, मैं अपना काम कर रही हूँ। ये ज़रूर चाहती हूँ कि कुछ ऐसा काम कर जाऊँ, जो लोग मुझे एक रोल मॉडल की तरह देखें।

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