यह कैसी मानसिकता है ,जिसके तहत इस संकट के समय में भी कुछ लोग नकली दवा और इंजेक्शन का अमानवीय कारोबार कर रहे हैं ।

ऐसे कुछ लोग धार्मिक संगठनों के सदस्य हैं । तथाकथित देश भक्ति के नाम पर दूसरे धर्मों के लोगों को अपमानित और प्रताड़ित करते हैं ।खेलों में भारत की जीत पर जश्न मनाते हैं ।

जय श्री राम और भारत माता की जय का नारा लगाते हैं ,लेकिन अपने ही देश की जनता के जीवन से खिलवाड़ करते हैं।
संकुचित राष्ट्रवाद का उन्माद और अमानवीय कारोबार एक साथ चल रहा है ।
ओह ,यह कैसी मानसिकता है ? यह अक्षम्य है ।

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