रंगमंच की तरफ जब कदम बढ़ाया था तो महज यह जिज्ञासा थी कि चंद नाटक, कुछ स्टेश शो और इनमें निभाई जाने वाली छोटी-मोटी भूमिकाओं में खुद को किस तरह एडजस्ट कर पाऊंगा। समय सबसे बड़ा उस्ताद होता है, इस बात का यकीन अब होने लगा है। शुरूआती हाथ थामने वाले गुरू और फिर साथ निभाते गए उस्तादों ने रंगमंच से लेकर कैमरे के सामने प्रस्तुति की बारिकियां सिखाई और कदम खुद-ब-खुद मंजिल की तरफ बढ़ते गए। व्हामी महज एक शुरूआत कही जा सकती है, लेकिन मंजिल के इस पहले पड़ाव ने इस हॉरर फिल्म ने बेहद उत्साह से भर दिया है।

इस माह की 25 तारीख को रिलीज होने वाली शॉर्ट फिल्म व्हामी वैसे तो महज 50 मिनट की लंबाई रखती है, लेकिन इससे लिखे जाने वाली तेहरीर रंगमंच के नए सितारे अदनान खान के लिए बड़े मायने रखती है। अपने सफर को लेकर अदनान कहते हैं कि चंद बरस पहले महज इसलिए रंगमंच की तरफ कदम बढ़ चले थे कि जुबान पर एक शहर खास की छाप पड़ती जा रही थी।

इससे भी गुरेज नहीं था कि इस शहर से सीधा ताल्लुक भाषा और बोली से पकड़ लिया जाएगा, लेकिन खुद को एक सीमा बांधने की बजाए एक खुले आसमान के नीचे लाने की ललक ने इस तरफ कदम बढ़ा दिए। पर्दे के पीछे के काम और कलाकारों के सहयोग में जुटे रहने के दिन ज्यादा समय नहीं चले। भोपाल से हुई शुरूआत ने जल्दी ही लखनऊ, कोलकाता, इंदौर और मप्र के कई शहरों के दर्शकों के सामने खुद को साबित करने का मौका नसीब हो गया।

अदनान बताते बात बढ़ी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनने का मौका मिला और इसके बहाने कैमरा फैस करने का मौका भी हाथ आया। दूरदर्शन के लिए तैयार की गई इस संदेशात्मक टेलीफिल्म में काम कर कैमरे से दोस्ती के रास्ते भी खुलते नजर आने लगे। कुछ छोटे कामों से इस दोस्ती को और मजबूत किया। कोरोना काल में भाई नदीम जाफरी की संगत के साथ एक सीरिज तैयार की, जिसमें इस मुश्किल हालात को किस तरह से टाला जाए के संदेश दिए गए।

लोगों ने पसंद किया, सराहा और हौसलाअफजाई की। राजधानी भोपाल की पत्रकारिता के भीष्म पितामाह कहे जाने वाले जनाब अवधेश बजाज साहब के साथ पंडित और बन्ने खां की जुगलबंदी के साथ व्यवस्था पर करारा तंज मारने का मौका मिला, जिससे एक नई पहचान हासिल हुई। अदनान बताते हैं कि दिसंबर माह की 25 तारीख को रिलीज होने वाली हॉरर फिल्म व्हामी मेरे कैरियर का एक नया अध्याय शुरू करने वाली कहानी साबित हो सकती है।

इस हॉरर फिल्म में अदनान मुख्य किरदार निभा रहे हैं। फिल्म के शुरूआती अंश देखने वालों से मिले रिस्पांस ने हिम्मत बढ़ाई है, इस बात की उम्मीद जागी है कि शायद अब कुछ करने जैसा हो गया हूं। इस हॉरर फिल्म ने कई और बारीकियों और जरूरी गुणों से मुलाकात कराई है। व्हामी की शुरूआती कमाई यह है कि कुछ नए प्रोजेक्ट की तरफ से आॅफर मेरी तरफ सरकने लगे हैं। उम्मीदों ने दामन भरना शुरू किया है और जल्दी ही इसके सुखद परिणाम जीवन में भी और पर्दे पर भी दिखाई देंगे। अदनान कहते हैं कि अपनी क्षमता, कुवत और हिम्मत से बेहतर करने की कोशिश करता रहा हूं, बाकी समय बहुत कुछ सिखा रहा है, जो भविष्य का सफर तय करने वाला है।

खान अशु

भोपाल।

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