भोपाल। प्रतिबंधित और विवादित संगठन सिमी की नजरें अब प्रदेश की वक्फ संपत्तियों पर टिक गई हैं। इनको कबजाने के भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा का सहारा भी लिया जा रहा है। मप्र वक्फ बोर्ड में कमेटी रजिस्टर्ड कराने के लिए आवेदन करने वाले इन सिमी कनेक्शन वाले लोगों में कई सदस्य ऐसे भी शामिल किए गए हैं, जिनपर लव जिहाद के मामले भी प्रचलित हैं।
सूत्रो का कहना है कि राजगढ़ की एक वक्फ कमेटी के लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जावेद खान नियाज़ी ने कुछ लोगों को शामिल कर एक नई कार्यकारिणी प्रस्तुत की है। मप्र वक्फ बोर्ड में पेश की गई इस कमेटी के गठन को लेकर राजनीतिक जोर आजमाइश भी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को साथ लेकर वक्फ कमेटी प्रस्तावित की गई है, वे लोग व उनके परिवार के कई लोग पूर्व में सिमी की गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष के साथ प्रस्तावित कमेटी में ऐेसे लोगों के नाम हैं, जिनपर वर्ष 2005 से 2015 के बीच सिमी की गतिविधियों के मामले प्रचलित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में हुए पुलिस वेरिफिकेशन में अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जावेद खान के साथ जो सदस्य प्रस्तावित थे, उनके चरित्र सत्यापन में सिमी से संबंद्ध सामने आया है।

लव जिहाद से रहा ताल्लुक
सूत्रों का कहना है कि
अल्पसंखयक मोर्चा अध्यक्ष जावेद के परिवार के कुछ लोग धर्मपरिवर्तन, बलात्कार, पास्को एक्ट जैसे गंभीर मामले में सज़ा पा चुके हैं।

इनका कहना
किसी भी कमेटी का गठन राजनैतिक दखल से नहीं किया जाता। पुलिस वेरिफिकेशन और अन्य दस्तावेजी खोजबीन के बाद ही कमेटी को अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। सिमी कनेक्शन वाले लोगों के आवेदन की पूरी जानकारी निकाली जा रही है। ऐसा पाया गया तो आवेदन रद्द किया जाएगा।
हस्र उद्दीन, सीईओ
मप्र वक्फ बोर्ड

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