बार बालाओं के साथ ठुमके लगाते आए थे नजर
शादी समारोह में बार बाला के साथ ठुमके लगाना वक्फ नाहरशाह वली दरगाह के सदर अरब अली पटेल को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। मप्र वक्फ बोर्ड के पास पहुंची इस मामले की शिकायत के बाद बोर्ड ने पटेल के खिलाफ कार्यवाही करने का मन बना लिया है। अरब अली के खिलाफ इससे पहले भी गबन और अव्यवस्थाओं को लेकर कई आरोप लग चुके हैं। लेकिन एक धार्मिक स्थल के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अनैतिक व्यवहार उनके लिए पद से हटने और सामाजिक रुसवाई का कारण बनने वाला है।
मप्र वक्फ बोर्ड के सीइओ जमील खान ने कहा कि इस मामले में अखबारों, न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के जरिये जानकारी मिली थी। इसके अलावा इंदौर जिला वक्फ कमेटी अध्यक्ष और शहरवासियों की तरफ से भी इस तरह की शिकायतें उनके पास आई हैं। जिसके बाद बोर्ड द्वारा अरब अली के खिलाफ कार्यवाही करने की तैयारी कर ली है। जमील खान ने कहा कि वक्फ के मामले धार्मिक आस्थाओं और रिवाजों से जुड़े हैं। ऐसे में इसके निगराह और जिम्मेदार का नैतिक व्यवहार बहुत ही सधा हुआ होना चाहिए। सामाजिक तौर पर उसकी अनैतिक छवि संबंधित वक्फ और कमेटी के लिए भी नुकसान का कारण बन सकती है।
साथ ही इस धार्मिक स्थल से जुड़ी लोगों की आस्थाएं भी प्रभावित होने के हालात बन सकते हैं। सीइओ ने कहा कि वक्फ दरगाह नाहरशाह वली के अध्यक्ष अरब अली पटेल को लेकर पूर्व में भी कई शिकायतें बोर्ड को मिली थीं, जिन्हें लेकर उन्हेंं आचरण सुधारने और व्यवस्था को दुरुस्त रखने की ताकीद की गई थी। लेकिन ताजा मामला किसी तरह माफ किए जाने लायक नहीं है। जिसके चलते अरब अली का निष्कासन कर इस वक्फ के लिए नई कमेटी बनाई जाएगी। जमील खान ने कहा कि अरब अली के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाही भविष्य में वक्फ जिम्मेदारों के लिए दलील बने ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनाई जाने वाली कमेटियों के लिए इस बात की अनिवार्यता भी लगाई जाएगी कि कमेटी शामिल होने वाले सभी लोगों के चरित्र प्रमाण पत्र और उनका भौतिक सत्यापन कराया जाए।
अरब अली पर कई आरोप
वक्फ दरगाह नाहरशाह वली के सदर अरब अली पटेल अपनी नियुक्ति के दौर से ही विवादों में रहे हैं। असमय उर्स कराने, उर्स के दौरान अवैध तरीके से वसूली करने, चंदे की राशि का हिसाब गड़बड़ करने और दरगाह की आमदनी को अपने निजी खाते में रखने को लेकर उनकी कई शिकायतें बोर्ड तक पहुंची हैं। कांग्रेस शासनकाल में सीमित समय के लिए हुई उनकी नियुक्ति और बाद में इसके स्थायी किए जाने को लेकर भी भ्रष्टाचार की बातें सामने आ चुकी हैं।
शहर, उलेमा और कमेटी सब नाराज
अरब अली पटेल के बार बाला के साथ डांस करने के वीडियो वायरल होने के बाद शहर में नाराजगी के हालात हैं। खजराना क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद वाहिद अली ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि धार्मिक स्थानों पर ऐसे लोगों की नियुक्ति किया जाना लोगों की भावनाओं को आहत करने जैसा है। उन्होंने कहा कि दरगाह पर सभी धर्मों के लोगों की आमद होती है। ऐसे में किसी चरित्रहीन व्यक्ति का जिम्मेदार के रूप में नियुक्त हो जाना पूरे समाज में एक कौम खास की छवि खराब करने जैसा कहा जाएगा।
काजी-ए-शहर डॉ. इशरत अली ने कहा कि ऐसे लोगों को फौरन धार्मिक कमेटियों से हटाया जाना चाहिए, इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होना चाहिए। साथ ही इस बात का आगे भी ध्यान रखा जाए कि भविष्य में किसी भी धार्मिक संस्था में चरित्रहीन लोगों की नियुक्ति न हो सके। इंदौर जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष डॉ. शकील राज ने कहा कि अरब अली पटेल के मामले को लेकर पूरी रिपोर्ट मप्र वक्फ बोर्ड को भेज दी गई है। इस दौरान बोर्ड से तत्काल कार्यवाही कर कमेटी बदलने की सिफारिश की गई है। डॉ. राज ने कहा कि अरब पटेल को लेकर समय-समय पर कई शिकायतें बोर्ड को प्रस्तुत की गई हैं, लेकिन बोर्ड द्वारा उन्हें बार-बार जीवनदान दे दिया जाता है।
एक ने दरगाह को बता दिया निजी
सूत्रों का कहना है कि वक्फ दरगाह नाहरशाह वली के लिए सदर बनने की जुगत में लगे इंदौर के एक भाजपा नेता ने दरगाह को निजी और उनकी पुश्तैनी मिल्कियत करार दे दिया है। इस मामले को लेकर चल रही अदालती कार्यवाहियों में वे लगातार मात खाते रहे हैं। बताया जाता है कि दो दिन पहले भी इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में भाजपा नेता के दावे को खारिज किया है। कहा जा रहा है कि भाजपा के आला नेताओं की सिफारिश के दम पर दरगाह कमेटी अध्यक्ष बनने की कोशिश महज इसीलिए की जा रही है कि आगे चलकर इसे निजी प्रापर्टी साबित करने की तरफ कदम पुख्ता हो सकें।