भोपाल। वैक्सीनेशन देशहित है और समाजहित में भी। आस्थालय से जुड़े टीकाकरण में लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ गई हैं और इसके फायदेमंद होने का भरोसा भी बढ़ा है। यही वजह है कि बुधवार को राजधानी की मक्का मस्जिद में वैक्सीनेशन कैम्प लगाया गया तो यहां आने वालों में राम भी थे और रहीम भी। क्षेत्रीय रहवासियों के वैक्सीनेशन के लिए पहुंचने का उत्साह ऐसा था कि देर दोपहर तक ही वह लक्ष्य पूरा हो गया, जिस संख्या को लेकर कैम्प शुरू किया गया था।

प्रदेश में शुरू हुए वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरूआत के बाद अब राजधानी के विभिन्न इलाकों में हरदिन टीकाकरण शिविर लगाए जा रहे हैं। इस दौरान बड़ी तादाद में स्वेच्छा से शिविर तक पहुंचकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को जहांगीराबाद इलाके में स्थित मक्का मस्जिद में शिविर लगाया गया। शिविर आयोजकों में शामिल जमील अहमद बताते हैं कि सुबह 9 बजे शुरू किए गए कैम्प में शाम तक करीब 300 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन यहां पहुंचने वालों की तादाद के हालात यह थे कि दोपहर करीब 2 बजे तक ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा 245 पार कर चुका था। जमील अहमद ने बताया कि वैक्सीनेशन की शुरूआत लेडिस फस्र्ट की तर्ज पर एक 20 वर्षीय लड़की से की गई। इसके बाद यहां आने वालों में महिला, पुरुष, युवा, बुजुर्ग सभी शामिल थे। मस्जिद में लगाए गए इस कैम्प में बड़ी तादाद हिन्दू धर्मावलंबियों की भी थी। जमील ने बताया कि पर्दानशीं महिलाओं के लिए एक अलग हिस्सा सुरक्षित रखा गया था, जहां उन्हें पर्दे के एहतियात के साथ टीका लगाया गया।

ताजुल मसाजिद से हुई शुरूआत
इस्लाम धर्म में वैक्सीनेशन को लेकर फैलाई गई अफवाहों के बीच पहला टीकाकरण शिविर 6 अप्रैल को एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद ताजुल मसाजिद में किया गया था। इसके बाद महाअभियान वाले दिन भी यहां कैम्प लगाकर बड़ी तादाद में लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। गौरतलब है कि मुस्लिम समाज में फैली भ्रांतियों और भय को दूर करने के लिए शहर एसडीएम जमील अहमद खान ने बाकायदा फतवा हासिल किया था। जिसमें उलेमाओं ने वैक्सीनेशन को पूरी तरह स्वास्थ्यदायक और इस्लाम की शरई शर्तों के मुताबिक बताया था।

एक चर्चा यह भी चल पड़ी
सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में इस बात को उल्लेखित किया जा रहा है कि शहर की कुछ मस्जिदों में इस बात की ताकीद कर दी गई है कि बिना वैक्सीनेशन के किसी नमाजी को मस्जिद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह मैसेज छत्तीसगढ़ से चला है और वहां की मस्जिदों में इस तरह की व्यवस्था की गई है, प्रदेश में इस तरह का कोई ऐलान नहीं किया गया है। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा कि फिलहाल शासन की गाइडलाइन के मुताबिक महज 5 लोगों के मस्जिद में प्रवेश की इजाजत है और उसी के मुताबिक नमाज अदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार इस नियम में शिथिलता देती है तो मस्जिद में आने वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन की अनिवार्यता लागू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह खुद नमाजी के लिए भी फायदेमंद साबित होगा और इससे समाज के अन्य लोगों के लिए भी वे मददगार साबित होंगे।

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