नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुन लिया गया है. अभी सीएम बने योगी को एक हफ्ता भी नहीं बीता कि उन्होंने प्रदेश की सभी समस्याओं पर काम करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है. योगी ने आते ही ऐलान कर दिया की अब यूपी की क़ानून व्यवस्था चाक चौबंद कर देंगे साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘एंटी रोमिया स्क्वाड’ भी बनाया जाएगा.

इन सभी समस्याओं के बाद योगी ने सीएम का पद ही संभालते बूचड़खानों को बंद करवाने के काम पर अमल करना शुरू कर दिया है. दरअसल योगी ने सत्ता में आने से पहले लोगों से वादा किया था की वो सभी बूचड़खानों को सील करवा देंगे.

योगी सरकार बनने के बाद एनजीटी के 2016 के आदेश मुताबिक इलाहाबाद के 2 अवैध बूचड़खानों को सीज किया जा चुका है। हालांकि यूपी सरकार ने आश्वस्त किया है कि केवल अवैध बूचड़खानों को ही बंद किया जाएगा। यूपी में फिलहाल करीब 356 बूचड़खाने हैं जिनमें से सिर्फ 40 ही वैध हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाने बंद होने से राज्य को सालाना करीब 11 हजार 350 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। दो साल पहले एनजीटी भी अवैध बूचड़खानों पर बैन लगा चुका है। इस तरह से अवैध बूचड़खानों को बंद करने के फैसले के बाद बूचड़खाना मालिकों में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है.

यूपी में तकरीबन 40 कानूनी बूचड़खाने हैं, जिन्हें केंद्र सरकार की अग्रीकल्चरल ऐंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डिवेलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) से बाकायदा लाइसेंस मिला हुआ है।

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