रविशंकर प्रसाद ने कार्यकर्ताओं को केंद्र की कुछ अहम नीतियों के बारे में बताया. इस प्रश्न का किसी भी बड़े नेता ने जवाब नहीं दिया कि एनडीए में जदयू की मजबूत स्थिति के बीच लोजपा, रालोसपा व हम जैसे बाकी गठबंधन सहयोगियों के बारे में भाजपा क्या सोच रही है. सबने सिर्फ जदयू से एकजुटता की बात कही. इससे भविष्य के राजनीतिक समीकरणों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सीटों के बंटवारे पर सभी नेताओं की चुप्पी यह भी बता रही है कि भाजपा बिहार में एनडीए को लेकर काफी उहापोह की स्थिति में है.

बिहार भाजपा ने नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार में चार दिनों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया. इसका उद्देश्य था पार्टी के कार्यकर्ताओं को भाजपा की सियासी शैली व संस्कृति से अवगत कराना. लेकिन पूरा प्रशिक्षण शिविर जदयू-भाजपा गठबंधन के मसले पर ही फोकस रहा. सब यही बताने-दिखाने में जुटे रहे कि बिहार में जदयू व भाजपा की एकजुटता बेमिशाल है. प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय की प्रेस कांफ्रेंस भी इसी पर आधारित रही कि भाजपा-जदयू का गठबंधन अटूट है. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष यह बताने से परहेज करते रहे कि एनडीए घटक दल में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा और किसे कितनी सीटें मिलेंगी. जब भी ऐसा प्रश्न सामने आता, प्रदेश अध्यक्ष उसे टालकर राज्य में चल रहे विकास कार्यों की गिनती गिनने लगते.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार सहित बिहार भाजपा के सभी मंत्रियों, सांसदों व विधायकों ने इस प्रशिक्षण शिविर में शिरकत की. चूंकि कार्यशाला के अंदर मीडिया के जाने पर रोक थी, इसलिए अंदर की बहुत सी बातें बाहर नहीं आ सकीं, लेकिन फिर भी बहुत सी खबरें सामने आ गईं.

यह भी पता चला कि अंदर प्रशिक्षण ले रहे कार्यकर्ता, प्रशिक्षण से ज्यादा बड़े नेताओं की आवभगत में जुटे हैं. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि पार्टी की मजबूती और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए यह अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया है. इसमें प्रत्येक बुथ तक पार्टी की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. प्रदेश भर से आए पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता एक पंक्ति में बैठकर प्रशिक्षिण के एक -एक शब्दों को ध्यान पूर्वक सुनते हुए इसपर अमल करने का संकल्प ले रहे हैं.

हालांकि कई बड़े नेता प्रशिक्षण के नाम पर गठबंधन धर्म के बारे में ही बात करते रहे. रविशंकर प्रसाद ने कार्यकर्ताओं को केंद्र की कुछ अहम नीतियों के बारे में बताया. उन्होंने प्रदेश में एनडीए की एकजुटता और बिखराव पर कोई बात नहीं की. इस प्रश्न का किसी भी बड़े नेता ने जवाब नहीं दिया कि एनडीए में जदयू की मजबूत स्थिति के बीच लोजपा, रालोसपा व हम जैसे बाकी गठबंधन सहयोगियों के बारे में भाजपा क्या सोच रही है. सबने सिर्फ जदयू से एकजुटता की बात कही. इससे भविष्य के राजनीतिक समीकरणों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सीटों के बंटवारे पर सभी नेताओं की चुप्पी यह भी बता रही है कि भाजपा बिहार में एनडीए को लेकर काफी उहापोह की स्थिति में है.

कार्यकर्ताओं में उत्साह

बहरहाल, सासाराम में पहली बार आयोजित प्रदेश स्तरीय भाजपा के अभ्यास वर्ग प्रशिक्षण शिविर में भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए चार दिनों तक उत्सव का माहौल रहा. कार्यकर्ताओं व नेताओं ने जमकर सेल्फी ली. लजीज पकवान खाए. कार्यकर्ताओं में अनुशासन और सहयोग के नजरिए से देखें तो भाजपा का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल रहा. इसके लिए पहले से ही खूब प्रचार भी हुआ था. बैनर पोस्टर के साथ-साथ तोरण द्वार भी लगे थे. आस-पास के गांवो में भी नेताओं के ठहरने की व्यवस्था थी.

इस अवसर पर शक्ति पीठ मां ताराचंडी धाम व मुंडेश्वरी मां के दरबार में नामी गिरामी नेताओं ने मत्था भी ठेका. आसपास के गांवो जैसे जमुहार, कंचनपुर आदि में भी चार दिनों तक उत्सव का माहौल रहा. प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी नेताओं ने जोशो खरोस के साथ एक दूसरे का अभिवादन करते हुए विदा लिया. सबसे ज्यादा धन्यवाद के भागी बने भाजपा के राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, जिनका संस्थान नारायण मेडिकल कॉलेज पूरे चार दिनों तक पार्टी के लिए समर्पित रहा. उन्होंने आए हुए सभी नेताओं का रेड कारपेट स्वागत किया.

शाहाबाद प्रक्षेत्र के 22 विधानसभा वाले इस पृथकखंड में प्रशिक्षण कार्यक्रम के कारण युवा भाजपा कायकर्ताओं में खूब जोश दिखा. बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी के नए रंगरुटों ने संगठन को नजदीक से देखा-समझा. पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह की मानें, तो शाहाबाद भाजपा के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. पार्टी उपाध्यक्ष निवेदिता सिंह कहती हैं कि स्थानीय कार्यकर्ताओं के लिए यह आयोजन उत्सावर्धक रहा. यहां उन्हें एक ही मंच पर पार्टी के बिहार से जुड़े कई शीर्ष नेताओं को सुनने का मौका मिला.

प्रशिक्षण शिविर से पहले सुशील मोदी का विरोध

भाजपा के प्रशिक्षण अभ्यास वर्ग के ठीक पहले आरक्षण विरोधी संगठन ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के विरोध में प्रदर्शन किया. इन लोगों ने सुशील मोदी को निशाना बनाकर सासाराम शहर में लगाए गए पोस्टरों-बैनरों पर पुताई की और कई जगह पोस्टरों को फाड़कर भी अपना विरोध जताया. इसके कारण प्रशिक्षण शिविर के आयोजकों की किरकिरी भी हुई. फिर आनन फानन में प्रशासन के हस्तक्षेप से इस मामले को शांत कराया गया. आशंका थी कि सुशील मोदी के आने पर फिर संगठन के युवा विरोध करेंगे. इस आशंका के मद्देनजर पुलिस ने दस युवाओं को हिरासत में लेकर पूरे दिन हवालात में रखा और फिर शाम में निजी मुचलके पर छोड़ा.

लेकिन शुरू के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूरे प्रशिक्षण शिविर के दौरान आयोजकों में डर व्याप्त रहा कि कहीं ऐन वक्त पर उनकी फजीहत न हो जाए. इसके लिए उन्होंने पूरी तरह से ऐतिहात बरती. नारायण मेडिकल कॉलेज में भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए. हालांकि इन पुलिस कर्मियों के कारण विरोध की गुंजाईस तो समाप्त हो गई, परंतु आरक्षण विरोधी इस संगठन के विरोध ने भाजपा के मन में यह बात जरूर बैठा दी कि सवर्णों के बीच भाजपा को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है.

भाजपा नेताओं के सम्मान से दूर रहे घटक दलों के नेता

भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग में हर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नेताओं ने एनडीए की मजबूती पर बल दिया. लेकिन कहीं भी यह देखने को नहीं मिला कि एनडीए घटक दल के किसी नेता या कार्यकर्ता ने भाजपा नेताओं की अगवानी में कोई बैनर-पोस्टर लगाया हो. हालांकि कार्यक्रम भाजपा का था, इसलिए दूसरे दलों का बैनर-पोस्टर प्रासंगिक नहीं है, लेकिन फिर भी शहर के बाहर या अंदर बड़े नेताओं खासकर केंद्रीय मंत्रियों के स्वागत व अभिनंदन में गठबंधन दलों के नेताओं द्वारा बैनर-पोस्टर लगाने की परंपरा रही है. रोहतास में एनडीए के सिर्फ तीन विधायक हैं.

जदयू के जयकुमार सिंह और वशिष्ठ चौधरी, रालोसपा के ललन पासवान. इनमें से कोई भी भाजपा का नहीं है. यह अलग बात है कि रोहतास के तीन विधानसभाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा के सांसद छेदी पासवान भाजपा के हैं. वहीं एक विधानसभा दिनारा का प्रतिनिधित्व कर रहे बक्सर सांसद अश्विनी चौबे भी भाजपा के हैं. एक अन्य लोकसभा क्षेत्र काराकाट की बात करें, तो यहां से सांसद केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा रालोसपा से हैं. चूंकि तीनों सांसद एनडीए से हैं, इसलिए यह लाजमी था कि तीनों अपने-अपने क्षेत्रों में वरिष्ठ भाजपा नेताओं का अभिनंदन करते.

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