न्याय की लड़ाई लड़ने वाले काले कोट वालों की ये हरकत शर्मसार करने वाली है. एक पुलिस अफसर होने के साथ साथ मोनिका भरद्वाज एक महिला भी हैं, क्या वकीलों को ये बात नहीं समझ आई ?  दरअसल साकेत कोर्ट विवाद से जुड़ा एक ऐसा  वीडियो सामने आया है. जिसने काले कोट वालों की गुंडा गर्दी की पोल खोल कर रख दी है. इस वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि साकेत कोर्ट में पार्किंग को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद जब वकीलों ने पुलिसवालों को पीटना शुरू किया तो डीसीपी मोनिका भारद्वाज तुरंत बीच बचाव करने पहुंची, लेकिन उपद्रवी वकीलों ने उनके साथ भी बदसलूकी की और उनके साथ मौजूद एक पुलिसकर्मी को पीट दिया. इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

वहीं जब उनके एक दोस्त ने जब उन्हें फोन किया तो उसने अपना दर्द बयां किया. जिसके बाद यह ऑडियो वायरल हो गया और इसी ने धरने-प्रदर्शन की जमीन तैयार की. इसके बाद साकेत कोर्ट के बाहर कुछ वकीलों ने एक पुलिसकर्मी  के साथ भी मार पीट की. जिसके बाद तीस हजारी और साकेत कोर्ट में वकीलों के साथ झड़प और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर दिल्ली के तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के सामने 11 घंटे तक प्रदर्शन किया। इससे यहां एक तरह के विद्रोह के हालात बन गए. जवान इस कदर नाराज थे कि पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अपील मानने से इनकार कर दिया. इस प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों के परिजन और सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई. तीन दिन तक ट्विटर और वॉट्सऐप पर ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट मैसेज वायरल हुए। इसके बाद, पुलिसकर्मी स्वत: प्रदर्शन करने पहुंच गए. दिल्ली और एनसीआर के दूसरे थानों से भी जवान ड्यूटी के बाद प्रदर्शन में शामिल हुए.

आपको बता दें कि  इस घटना में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं हैं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन भी डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई थी.

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