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मौत के बारे में सुनकर ही लोगों की रूह कांप जाती है. यह तो सच्चाई है कि जिसने भी जन्म लिया है, उसे ये दुनिया छोड़कर एक दिन जाना ही है. अब मौत फिक्स तो होती है नहीं कि इंसान को पता चल जाए कि वो कब मरने वाला है फिर वो उसी हिसाब से अपनी जिंदगी को जीले. लेकिन साइंस के पास हमारे हमारे एक सवाल का जवाब है और वो है कि सबसे ज्यादा मृत्यु किस समय होती है.

एक रिसर्च में पाया गया है कि दुनिया में ज्यादातर लोग तीसरे पहर यानि सुबह के तीन से चार बजे के बीच इस दुनिया को छोड़कर चले गए. इस हिसाब से साइंस भी एक पहर को मौत के लिए परफेक्ट समय मानता है. इसके पीछे शोधकर्ताओं ने ये तर्क दिया है कि इस दौरान इंसान का शरीर सबसे ज्यादा कमज़ोर होता है. इस बात को लेकर कई रिसर्च किए गए लेकिन सबका यही जवाब निकला और सबने इस पहर को खतरनाक घोषित भी किया है. रिसर्च के मुताबिक इस समय की सबसे ज्यादा मौतें अस्थमा अटैक की दर्ज की गईं हैं.

जानकारी के अनुसार, दिन के वक्त के मुकाबले तड़के सुबह के 3 से 4 के बीच अस्थमा के अटैक की संभावना 300 गुना ज्यादा हो जाती है. इसके पीछे की वजह यह है कि, एड्रेनेलिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी हार्मोंस का उत्सर्जन शरीर में बहुत घट जाता है, जिससे शरीर में श्वसनतंत्र बहुत ज्यादा सिकुड़ जाता है, यह भी एक वजह है कि सवेरे 4 बजे सबसे ज्यादा लोगों की मौतें होती हैं.

यही नहीं एक रिसर्च में यह भी साबित किया गया है कि 14 फीसदी लोग अपने जन्मदिन के दिन ही मरते हैं. बता दें कि इस रिसर्च में एक और बात सामने आई है जिसमें डॉक्टरों ने एक और बात का ज़िक्र किया है, उनका मानना है कि  सुबह के समय कोर्टिसोल हार्मोन का स्त्राव तेजी से होता है जिसकी वजह से खून में थक्के जमने और अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा होता है.

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