यह पोस्ट संतोष भारतीय जी के लिए …..

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यह पोस्ट संतोष भारतीय जी के लिए ।

प्रधानमंत्री के संबोधन ने निराश नही किया , यह पूर्वानुमानित था कि वे अपने चिर परिचित अंदाज में आएंगे और राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री का अपना संबोधन रैली के भाषण में तब्दील हो जाएगा , वही हुआ । प्रधानमंत्री ने फिर वही दुहराया 70 सालों में क्या हुआ ? नौजवानों को जो सपना दिखाया गया वह कितना पूरा हुआ ? प्रधानमंत्री जी इसका जवाब तो पत्थर की उस हवेली की सीढ़ी के पास खुदा पड़ा है , जहां आप साष्टांग लेट कर माथा रख कर अंदर गए थे । संसद के सदर दरवाजे पर । आपने उसे नही देखा होगा । आजादी के तुरत बाद यही सवाल गांव की एक महिला ने ,देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कुर्ते को खींचते हुए पूछा था – आजादी के बाद हमे क्या मिला ? पंडित नेहरू ने उत्तर दिया था – आजादी ने ही तुम्हे यह अधिकार दिया है कि तुम प्रधानमंत्री का कॉलर पकड़ कर सवाल पूछ रही हो । महिला चीख कर नेहरू से लिपट गयी थी । पंडित नेहरू का एक हाथ उसकी पीठ पर था । भरोसा । विस्वास । रंगीन सपना । खुद मोख्तारी । अप्प दीपो भव । मुस्तकबिल का फैसला खुद करो , सहयोग सरकार देगी । दिया । विज्ञान में । चिकित्सा में । स्ट्रीट लाइट में बैठ कर पढ़ाई करनेवाला एक लड़का मिसाइल मैन बना । राष्ट्रपति बना । बाकी कितना गिनवाया जाय । आज एक चाय बेचनेवाला लड़का मुखिया बनता है , यह उसी निजाम की देन है ।

बड़ी बड़ी संस्थाएं आपने तब बनाई जब आप दाने के मोहताज थे । बहरहाल सियासत है । बोलने की आजादी है । कुछ भी बोला जा सकता है । 70 साल में भारत ने क्या हासिल किया , विदेश में दिए गए अपने किसी भाषण में आपने खुद गिनवाया है ।
आपके सवाल का जवाब तो मरहूम अटल जी या मरहूम सुषमा स्वराज जी दे चुकी हैं । क्लिपिंग मिल जाएगी ।

चंचल भू  (वरिष्ठ पत्रकार)

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