डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने में तकनीकी मदद उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेषषज्ञों की केंद्रीय टीमें प्रतिनियुक्त कर दीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम हरियाणा, पंजाब, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में डेंगू के काफी संख्या में मिले मामलों के मद्देनजर उठाया है। 31 अक्टूबर तक देश के कुल डेंगू मामलों में इन राज्यों का योगदान 86% है। विशेषज्ञ टीमों में नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल और नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के अधिकारी शामिल हैं।

इन राज्यों में भेजा गया केंद्रीय दल 
केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ टीम के लिए ऐसे राज्यों का चुनाव किया है, जहां पर डेंगू  काबू से बाहर हो रहा है। इन राज्यों में हरियाणा, पंजाब, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू व कश्मीर शामिल हैं। इन सभी जगह डेंगू के काफी मामले सामने आ रहे हैं।

दिल्ली में चार साल में सबसे ज्यादा मरीज
देश की राजधानी दिल्ली में इस साल अभी तक 1530 डेंगू के मामले समाने आए हैं। इसमें से 1200 मामले तो सिर्फ अक्तूबर में ही सामने आए हैं, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा है। इसी के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए थे कि जिन राज्यों में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है वहां पर केंद्रीय टीम भेजी जाए।

यहां भी बेकाबू हालात
महाराष्ट्र के पुणे में अक्तूबर में 168 डेंगू के मामले सामने आए हैं। वहीं सितंबर में 192 मरीजों की पुष्टि हुई थी। वहीं चंडीगढ़ में अब तक 33 लोग डेंगू से अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 1000 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है, इसें 68 फीसद मामले अक्तूबर में सामने आए हैं।

जम्मू-कश्मीर- प्रदेश में बढ़े डेंगू के मरीज, अबतक 993 भर्ती

जम्मू-कश्मीर में अब तक मिले कुल 993 डेंगू के मामलों में से जिला जम्मू से 64 फीसदी मामले हैं। जम्मू में मंगलवार को 33 नए मामलों के साथ आंकड़ा 639 तक पहुंच गया। शहर के कई इलाके डेंगू से प्रभावित हैं। तापमान में गिरावट के बावजूद अस्पतालों में डेंगू के पीड़ितों का पहुंचना जारी है।

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