इस देश में गर्व से कहने को बहुत कुछ है। उसकी एकमात्र बानगी यह देखिए कि देश के चहुंमुखी विकास का दावा करना तो बेहद सुखकारी लग सकता है, उस पर गर्व करते रहिए। आपको रोकता कौन है। लेकिन यह भी देखना बेहद जरूरी है कि वैश्विक भुखमरी सूचकांक में हमारी स्थिति क्या है। आज वैश्विक भुखमरी सूचकांक में हमारा देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पिछडा़ है। वह नेपाल से 24 और पाकिस्तान से 9 पायदान नीचे है। बदतर हालात का अंदाजा इसी से लग जाता है कि वैश्विक भुखमरी सूचकांक की सूची में हम अफगानिस्तान के बेहद करीब हैं। है न यह गर्व करने की बात। यह गर्व है या शर्म, यह सोचने का देश के विकास का दंभ भरने वाली हमारी सरकार और देश के भाग्य विधाताओं के पास समय ही कहां है। उन बेचारों के पास देश और देश की जनता के विकास की खातिर देश के बंदरगाह, रेल, बस अड्डे, हवाई अड्डे, किले, कंपनियां और देश की धरोहरों आदि के बेचने से समय ही कहां बचता है। वह तो चौबीसों घंटे देश की सेवा में लगे रहते हैं। है न गर्व करने का विषय। फिर भी हम उनपर आरोप दर आरोप लगाते नहीं थकते। है न शर्म की बात। हालात गवाह हैं कि अब वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश फिर सोने की चिडिया बन जायेगा। उस समय जनता के हाथ क्या आयेगा, यह अब सबके सामने है।
उस समय आपके पास गर्व करने को क्या रहेगा, यह आपके सोचने का विषय है……

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