जम्मू-कश्मीर के कनाचक इलाके में पुलिस ने एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है। इस ड्रोन से पांच किलो आईईडी भी बरामद हुई है। पुलिस ने बताया कि ड्रोन को भारतीय सीमा के छह किलोमीटर अंदर मार गिराया गया है।
बीते कई दिनों से भारतीय सीमा में ड्रोन देखे जा रहे हैं। इन्हें सीमा पार से भेजा जा रहा है। खुफिया एजेंसियां पहले ही अंदेशा जता चुकी हैं कि आतंकी ड्रोन के जरिए किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं। सुरक्षाबलों ने भी इस चुनौती से निपटने के लिए रणनीति बनाई है और माना जा रहै कि हा यह ड्रोन जिसे मार गिराया गया ये उसी का नतीजा है।
आईजी जम्मू, मुकेश सिंह ने कहा कि ड्रोन से हथियार गिराए जाने की खुफिया जानकारी मिली थी। जिसको लेकर सुरक्षाबल अलर्ट पर थे। हमने ड्रोन को मार गिराया है। जिसके जरिए भेजी गई आईईडी बरामद कर ली गई है। यह आईईडी किसी स्थान पर प्लांट की जानी थी। जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया है।
चीन, हांगकांग और ताइवान में ड्रोन के पार्ट्स बनाए गए
उन्होंने बताया कि ड्रोन 17 किलो का है। उसके पार्ट्स चीन, हांगकांग और ताइवान में बनाए गए हैं। इसी सीरीज का ड्रोन कठुआ में मिला था। अब तक ड्रोन से भेजे गए 16 AK-47 राइफल, 34 पिस्तौल, 15 ग्रेनेड, IED और 4 लाख रुपये की करेंसी बरामद की जा चुकी है।
IG ने कहा कि 15 अगस्त को लेकर तैयारी चल रही है। सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। ड्रोन के संभावित हमलों को रोकने की पूरी तैयारी है। जैश की साजिश की खबर मिली है। जो इनपुट मिले हैं, उन पर काम चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में एक के बाद एक कई ड्रोन नजर आए हैं। पिछले महीने (27 जून) जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से दो धमाके किए गए थे। इस हमले में एयरफोर्स स्टेशन की छत को नुकसान हुआ था और 2 जवान घायल हुए थे। ड्रोन के जरिए एयरबेस के भीतर दो IED गिराए गए थे। नुकसान ज्यादा नहीं हुआ। यह अपनी तरह का पहला हमला था। ब्लास्ट इंडियन एयरक्राफ्ट्स के करीब ही हुआ था। यह जगह इंटरनेशनल बॉर्डर से 14 किलोमीटर की दूरी पर है।
मारे गए आतंकियों के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में दो आतंकियों को मार गिराया। दोनों पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इनमें एक की पहचान फयाज वार के तौर पर हुई है। वह हत्या के कई मामलों में आरोपी था। दहशतगर्दों के पास से भारी मात्रा गोला-बारूद बरामद हुआ।
ड्रोन से भारतीय वायुसेना स्टेशन को बनाया जा चुका है निशाना
27 जून को भारतीय वायुसेना स्टेशन पर आतंकियों ने ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराकर हमला किया था। इस हमले में दो लोगों को हल्की चोटें आईं थीं। इस हमले के बाद से ही घाटी में पुलिस लेकर सेना तक अलर्ट है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ड्रोन पर उभरते खतरे को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने अंदेशा जताया है कि इस ड्रोन साजिश के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। आतंकी 27 जून के जैसे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। आतंकियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल लगातार किए जाने पर पुलिस महकमा चिंतित है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा की रणनीति दोबारा बनाने के लिए कहा है। साथ ही आतंकियों के ड्रोन इस्तेमाल करने को लेकर सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है।