नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : तेलंगाना सरकार ने एक अजीबो गरीब फरमान जारी किया है जिसने सबके होश उदा दिए हैं. दरअसल सामाजिक कल्याण आवासीय महिला कॉलेजों में एडमिशन के लिए एक नया आदेश जारी हुआ है जिसके अब इन कॉलेजों में सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही एडमिशन दिया जायेगा।
सरकार की तरफ से लिए गये इस फैसले के पीछे जो दलील दी गयी है वो भी इस फैसले की तरह ही अजीब है. सरकार का मानना है की अगर कॉलेज में कुवांरी लडकियों के साथ शादी शुदा लड़कियां पढने लगेंगी तो कुवांरी लड़कियों का ध्यान भटकने लगेगा जिसे उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी.
शादीशुदा युवतियों के एडमिशन पर पाबंदी वाले इस फरमान पर तेलंगाना सामाजिक कल्याण आवासीय शिक्षण संस्थान सोसायटी के एक अधिकारी बी वेंकट राजू का कहना है कि इस नियम के पीछे का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अन्य लड़कियों का ध्यान पढ़ाई से न भटके क्योंकि शादीशुदा युवतियों के पतियों की सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार उनसे मिलने कॉलेज आने की पूरी संभावना है।
सोसायटी ने हाल ही में साल 2017-18 के लिए नामांकन संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया है। उसमें कहा गया है कि बीए, बीकॉम और बीएससी में प्रथम वर्ष के लिए (अविवाहित) लड़कियों के लिए आवेदन आमंत्रित किया जाता है।
यह नियम पिछले एक साल से कॉलेजों में लागू है। राज्य में ऐसे कुल 23 आवासीय कॉलेज हैं, हर कॉलेज में हर साल 280 स्टूडेंट्स का नामांकन होता है। इन कॉलेजों में सभी स्टूडेंट्स को शिक्षा से लेकर भोजन तक मुफ्त में दी जाती है। इन कॉलेजों में 75 फीसदी सीट एससी के लिए और बाकी 25 फीसदी एसटी और सामान्य के लिए है।