गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए मोदी कैबिनेट ने 8,500 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दे दी है. इसके तहत नई इथेनॉल प्रोडक्शन कैपेसिटी के निर्माण के लिए 4500 करोड़ का कर्ज भी देने की बात कही जा रही है. साथ ही इसके ब्याज पर 1300 करोड़ की सब्सिडी की खबर है. इस पैकेज में अतिरिक्त सप्लाई के लिए 30 लाख टन भंडारण क्षमता वाले स्टोरेज का निर्माण भी किया जाना है. चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान चुकाने के लिए 1540 करोड़ की राशि भी इस पैकेज में शामिल है.

गौरतलब है कि चीनी मिलों पर किसानों का 22 हजार करोड़ का बकाया है. इस साल बंपर चीनी उत्पादन से कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. इससे मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही हैं. केवल उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया हो चुका है. इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों का भी मिलों पर 3-3 हजार करोड़ रुपए बकाया है. ऐसे किसानों को राहत देने के लिए पिछले महीने सरकार ने गन्ना किसानों को भुगतान में मिलों की मदद के लिए 1,540 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.

इस पैकेज में चीनी का 30 लाख टन बफर स्टॉक बनाने के लिए 1200 रुपए दिए जाने की घोषणा भी की गई है. सरकार पहले ही गन्ने पर आयात शुक्ल को दोगुना कर चुकी है, जो अब 100 फीसदी है. इसके अलावा निर्यात शुल्क भी कम किया गया है. इसके साथ ही सरकार अब किसानों को कम कीमत पर सोलर पंप देने जा रही है. खबर है कि जुलाई से किसानों को सोलर पंप देने का काम शुरू हो जाएगा. इसके अंतर्गत खेत में पंप लगवाने के लिए किसानों को कीमत का सिर्फ 40 फीसदी हिस्सा देना होगा, जिसके लिए बैंक से कर्ज भी ले सकते हैं. बाकी 30 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 30 फीसदी राज्य सरकार देगी.

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