पिछले साल उर्स के मेले में शामिल होने आए दर्जनभर से ज्यादा झूला संचालक अब अपनी मजबूरियों पर आंसू बहाने पर विवश हैं। लंबे समय से कारोबार से वंचित इन लोगों को जगह के किराये के रूप में 1100 रुपए प्रति माह अदा करना पड़ रहा है। इस वसूली के बदले इन्हें कोई अधिकारिक रसीद भी अदा नहीं की जा रही है। काम-धंधों से टूटे हुए गरीब लोग इस अवैध वसूली से निराश हो चुके हैं। उन्होंने अपनी गुहार जिला वक्फ कमेटी अध्यक्ष के मार्फत मप्र वक्फ बोर्ड को भेजी है।

जानकारी के मुताबिक इंदौर खजराना स्थित वक्फ दरगाह नाहर शाह वली के प्रांगण में पिछले साल सालाना उर्स आयोजित किया गया था। इस दौरान बड़ी तादाद में दुकानें और झूले यहां लगाए गए थे। उर्स समापन और झूलों के हटने से पहले ही लॉक डाउन के हालात बन गए और झूला संचालक अपना सामान यहां से नहीं हटा पाए। लंबे समय तक चले लॉक डाउन के दौरान इन गरीब झूला संचालकों को लोगों की मदद से खाने का सामान मिलता रहा। लेकिन कमाई कर जमा की गई छोटी पूंजी भी इस दौरान इनके हाथ से फिसल गई। जिसका नतीजा यह है कि यह झूला संचालक अब तक दरगाह प्रांगण में ही मौजूद हैं।

दरगाह कमेटी कर रही वसूली

झूला संचालकों ने बताया कि करीब सालभर से वे यहां मौजूद हैं। इस दौरान उनसे दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अरब अली पटेल और उनके लोगों द्वारा मासिक किराए के रूप में 1100 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। यहां मौजूद करीब 15 झूलों से हर माह वसूल की जा रही किरायादारी के बदले कोई रसीद भी नहीं दी जा रही है। झूला संचालकों का कहना है कि लॉक डाउन के बाद से बने हालात के चलते उनका कारोबार पूरी तरह से ठप्प हो गया है।

ऐसे में दरगाह कमेटी द्वारा की जा रही अवैध वसूली से वे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने जिला वक्फ कमेटी को शिकायत भी की है। उन्होंने जिलाध्यक्ष से कारोबार न चलने तक किराया माफ करने की गुहार लगाई है। जिला वक्फ कमेटी अध्यक्ष डॉ. शकील राज ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड को चि_ी लिखकर दिशानिर्देश मांगे हैं। उन्होंने कहा कि बिना रसीद दिए किसी तरह की वसूली किया जाना नियमविरुद्ध भी है और अपराध की श्रेणी में भी आता है। इस मामले की जांच कर दरगाह कमेटी अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

दुकानों से वसूली के भी लगे हैं आरोप

वक्फ दरगाह नाहर शाह वली के सदर अरब अली पटेल पर पूर्व में भी असमय उर्स आयोजित करने और दुकानों से नियमविरुद्ध किराया वसूल करने के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा उर्स के बाद चंदा पेटी खोलने के तरीके को लेकर भी आपत्ति उठी थीं। पटेल पर कमेटी के लाखों रुपए का हिसाब वक्फ बोर्ड को न पहुंचाने के आरोप भी पूर्व में लग चुके हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस की 15 माह की सरकार के दौरान अरब अली को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

तत्कालीन प्रशासक निसार अहमद ने पहले उनकी नियुक्ति सीमित समय के लिए की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया गया। इस नियुक्ति को लेकर और अरब अली पटेल द्वारा की जा रही अनियमितताओं को लेकर भी कई शिकायतें वक्फ बोर्ड के पास पहुंच चुकी हैं, लेकिन फिलहाल इनका निराकरण नहीं हो पाया है।

खान अशु

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