किसी ने पूछा, ये मिर्ची लगने का मौसम कौनसा होता है…जवाब आया, मिर्च लगने का कोई मौसम नहीं होता, जब सच कह दो मिर्च लग जाती है….! सत्ताधीशों और उनके खैरख्वाहों को दो दिन पुरानी बात पर मिर्च लगी, तिलमिलाहट लिए दरोगा के पास पहुंचे… आनन फानन मरहम तैयार, शाम होते=न होते इलाज हाजिर…! आप देशद्रोही हैं, सच बोलकर लोगों को जख्म देते हैं, आहत करते हैं, नाराज़ भी करते हैं और सुकून भरे(?) देश के माहौल को खराब करते हैं….! दरोगा जी की तत्परता एक दिन पहले की कार्यवाही के अगले दिन परखी जा सकती है, जब एक और पक्ष अपनी गुहार लेकर इनके पास पहुंचने वाला है…! पिछली शिकायत पूर्व के खिलाफ थी, विपक्ष से ताल्लुक रखने वाले के विरुद्ध थी…! अब जो लोग शिकायत अर्जी लेकर जाने वाले हैं, वह मौजूदा मुखिया को घेरने वाले हैं….! मौत के आंकड़ों की परदादारी क्यों, का सवाल और लापरवाही ने हालात बिगाड़ दिए, पर नाराजगी वाली शिकायत को लेकर दी जाने वाली अर्जी कितनी तेज दौड़ती है, पता चल जाएगा…! दूध का दूध, पानी का पानी हो न हो, अपनी शिकायत और पराई गुहार का असर जरूर परिलक्षित हो जाएगा…!

लोकतांत्रिक व्यवस्था के बीच अलोकतांत्रिक रवैया, खिलाफ कुछ भी कहने पर पाबंदी और मैं चाहे ये करूं, वह करूं, न भी करूं… सब मेरी मर्जी जैसे हालात हैं…! मंत्री का ड्राइवर इंजेक्शन बेचे दिक्कत नहीं… सरकारी जिम्मेदार जीवरक्षक दवाओं का घोटाला कर दें परेशानी नहीं… निजी अस्पताल संचालक सरकार को जूते की नोंक पर रखकर इसका ऐलान भी करे, कोई कुछ कहने वाला नहीं… प्राइवेट अस्पताल लूट की पराकाष्ठा कर दें, कोई ऐतराज नहीं…! मुश्किल इससे है कि कोई कुछ सवाल उठा दे…!

लॉक डाउन, Corona Curfue, जनता कर्फ्यू…नए नए नामों से आने वाली चिर स्थाई हो चुकी आमजन की मुश्किल पर ध्यान देने को कोई राजी नहीं….! हाल से बेहाल हो चुके गरीब की व्यथा सुनने की फुरसत किसी को नहीं…! उन्नत और विकसित की तरफ बढ़ रहे देश को संघर्षशील और बेचारे देश प्रदेश में तब्दील करने वालों से सवाल करना गुनाह है…! बीमार हो चुका है, अब गुलामी की तरफ भी बढ़ने लगा है ये देश, लेकिन कुछ कहना गुनाह है…. देशद्रोह है, बगावत है…!

पुछल्ला
डर…खर्च…मौत!
अफसर नेताओं की तरह आश्वासन दे रहे हैं। नेता खोपचे में छिपे बैठे हैं। आम आदमी दवा के लिए परेशान है। अस्पताल वाले खुश हैं। डर है तो अस्पताल है, अस्पताल है तो खर्च और खर्च न कर सको तो मौत तो है ही। सिर्फ मौत… मोक्ष के रास्ते भी फिलहाल तो बाधित हैं!

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