पुरानी कहावत है, अंधा बांटे रेवड़ी, चीन्ह-चीन्ह कर दे. यही हाल उत्तराखंड सरकार का है. केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए व्यापारियों को संयुक्त व्यापार संघ की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद बांटे गए मुआवजे में फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है, जिसे ज़िला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. राज्य के सूचना का अधिकार क़ानून के जरिये कई सूचनाएं निकल कर सामने आ रही हैं, जिन्हें मीडिया प्रमुखता से छाप रहा है. ज़िलाधिकारी के निर्देश के बाद रुद्रप्रयाग एवं ऊखीमठ तहसील के प्रभावितों को बांटे गए मुआवजे की जांच शुरू हो गई है. रुद्रप्रयाग तहसील द्वारा एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस जारी की गई है. सरकारी धन की बंदरबांट करने वालों के लिए आरटीआई ने आफत खड़ी कर दी है. जिन व्यापारियों को नोटिस दी गई है, वे यदि तय समय सीमा के भीतर संपूर्ण साक्ष्यों सहित संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो तहसील प्रशासन द्वारा शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. उसके बाद फर्जी तरीके से मुआवजा पाने वाले व्यापारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
साल 2013 में 16-17 जून को केदारघाटी में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए व्यापारियों को बांटे गए मुआवजे में हुई धांधली की शिकायतें आने के बाद लेकर ज़िला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. संयुक्त व्यापार संघ ने ज़िला प्रशासन को प्रभावित व्यापारियों की जो अंतिम सूची उपलब्ध कराई थी, उसी के आधार पर उन व्यापारियों को नोटिस जारी की जा रही है, जिन्होंने फर्जी तरीके से मुआवजा हासिल किया.
साल 2013 में 16-17 जून को केदारघाटी में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए व्यापारियों को बांटे गए मुआवजे में हुई धांधली की शिकायतें आने के बाद लेकर ज़िला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. संयुक्त व्यापार संघ ने ज़िला प्रशासन को प्रभावित व्यापारियों की जो अंतिम सूची उपलब्ध कराई थी, उसी के आधार पर उन व्यापारियों को नोटिस जारी की जा रही है, जिन्होंने फर्जी तरीके से मुआवजा हासिल किया. कई व्यापारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने आज तक मुआवजा नहीं लिया है. कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी पत्नी, बेटों एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम पर भी मुआवजा हासिल कर लिया. कई लोगों का आपदा में किसी भी प्रकार का नुक़सान नहीं हुआ है और उन्होंने मुआवजा हासिल कर लिया.
उक्त सारी बातें व्यापारी ओमप्रकाश उनियाल द्वारा खुदकुशी किए जाने के बाद सामने आईं. आपदा मुआवजा वितरण में जमकर धांधली का खुलासा सूचना का अधिकार क़ानून के जरिये भी हो चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए ज़िलाधिकारी डॉ. राघव लंगर ने एसडीएम रुद्रप्रयाग सी एस चौहान और एसडीएम ऊखीमठ उत्तम सिंह चौहान को जांच के निर्देश दिए हैं. संयुक्त व्यापार संघ ने तहसील रुद्रप्रयाग अंतर्गत तिलवाड़ा से लेकर विजय नगर तक कुल 165 व्यापारियों के नाम अपनी अंतिम सूची में दर्शाए हैं. आज तक मुआवजा न लेने वाले 14 व्यापारियों को भी तहसील प्रशासन की ओर से नोटिस जारी हो चुकी है.
संयुक्त व्यापार संघ की अंतिम सूची में तहसील ऊखीमठ के 2909 आपदा पीड़ित व्यापारियों के नाम दर्ज हैं. जांच पूरी होने के बाद ही फर्जी तरीके से मुआवजा पाने वाले व्यापारियों के नाम उजागर हो सकेंगे. प्रत्येक क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक व्यापारियों को मिले मुआवजे की जांच में जुटे हुए हैं, जिसमें लगातार फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है. मामले का भंडाफोड़ होने से कई लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. यही वजह है कि फर्जी तरीके से मुआवजा हासिल करने वाले व्यापारी मीडिया कर्मियों को अपना निशाना बना रहे हैं. पिछले दिनों अगस्त मुनि कस्बे में ऐसे ही कुछ व्यापारियों ने एक स्थानीय पत्रकार पर हमले का प्रयास किया, जिसकी शिकायत करने पर पुलिस ने पत्रकारों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है.